
Jamshedpur : झारखंड सिख प्रतिनिधि बोर्ड के अध्यक्ष गुरचरण सिंह बिल्ला को हत्या की नीयत से गोली मारने के मामले में सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (सीजीपीसी) के प्रधान गुरमुख सिंह मुखे समेत चार लोगों के कोर्ट में आरोप गठित किया गया है. सोमवार को मामले की सुनवाई जमशेदपुर न्यायायालय में एडीजे-4 राजेन्द्र कुमार सिन्हा की अदालत में हुई. इस दौरान गुरमुख सिंह मुखे के अलावा उनके सलाहकार अमरजीत सिंह अम्बे, उत्तम पंडा और राज किशोर महतो पर आरोप गठित किया गया.
यह है मामला
नवंबर 2019 में गुरुचरण सिंह बिल्ला अपनी पत्नी गुरप्रीत कौर के साथ सीतारामडेरा गुरुद्वारा से मत्था टेककर घर की ओर लौट रहे थे. उसी दौरान हत्या करने की नीयत से बिल्ला को तीन गोली मारी गई थी. इस दौरान बिल्ला की हमलावरों के साथ हाथापाई भी हुई थी. इधर, गोली लगने से गंभीर रूप से घायल बिल्ला को इलाज के लिए टीएमएच ले जाया गया था. वहां इलाज के बाद उनकी जान बच पाई थी. इस मामले में सीतारामडेरा थाना में गुरप्रीत कौर के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इस मामले में गुरमुख सिंह मुखे और अमरप्रीत सिंह अम्बे पर हत्या की साजिश रचने का आरोप है, जबकि उत्तम पंडा और राज किशोर महतो पर फायरिंग का आरोप है. मामले की जांच के बाद पुलिस ने 16 नवंबर 2021 को गुरमुख सिंह मुखे को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. उसके करीब एक साल बाद उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिली थी. उसके बाद से वे जेल से बाहर हैं. इस बीच मामले के अन्य आरोपियों को भी जमानत मिल गई थी.
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