
Adityapur : आदित्यपुर का नाम आते ही एक ऐसे इंडस्ट्रियल एरिया की तसवीर उभरती है, जो ऑटो इंडस्ट्री का हब है. यहां ज्यादातर उद्योग टाटा मोटर्स की एंसीलरियां हैं. लेकिन अब आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की तसवीर बदलने जा रही है. यह इलेक्ट्रानिक उद्योग के साथ-साथ अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं का केंद्र भी बनने जा रहा है. इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर में उद्योग लगाने के लिए जियाडा ने गुरुवार को प्लॉट आवंटन का नोटिफिकेशन निकाला है.
जियाडा यहां उद्योग लगाने वाले उद्यमियों को आधी कीमत पर प्लॉट दे रहा है. यह आधी कीमत भी 10 आसान किस्तों में पांच साल में जमा करने की सुविधा दी गयी है. इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए 83 एकड़ जमीन पर कुल 48 प्लॉट बनाये गये हैं. एमसी के बीचोबीच औद्योगिक क्षेत्र का प्रतिष्ठित आरएसबी ग्रुप छह एकड़ जमीन पर नौ फ्लोर वाला मल्टी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बना रहा है. इसके अलावा नेताजी सुभाष चंद्र बोस ग्रुप भी यहां मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल बना रहा है. इन सभी योजनाओं के धरातल पर उतरने के बाद औद्योगिक क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग उद्योग के साथ विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधा भी आदित्यपुर और जमशेदपुर के लोगों को उपलब्ध होगी.
पांच मंजिला फैक्ट्री (फ्लैटेड फैक्टरी) का निर्माण
इसके अलावा जियाडा ने औद्योगिक क्षेत्र में पांच मंजिला फैक्ट्री (फ्लैटेड फैक्टरी) का निर्माण भी कराया है, जिसमें एक से दो हजार वर्गफीट की जगह उपलब्ध है. फ्लैटेड फैक्टरी में 15 रुपये वर्गफीट प्रतिमाह के दर पर जगह दी जा रही है. इससे ज्यादा जगह के लिए प्रोजेक्ट का अप्रूवल कराना अनिवार्य किया गया है. गुरुवार को 10 प्लॉट और 91 फ्लैटेड फैक्ट्री में स्पेस के लिए बहाली निकाली गयी है.


औद्योगिक क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर अब तक करीब 110 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं. इसमें सड़क निर्माण पर ही 60 करोड़ का खर्च हुआ है. 20 करोड़ की लागत से प्रशासनिक भवन व फ्लैटेड फैक्ट्री का निर्माण कराया गया है.
-प्रेम रंजन, क्षेत्रीय निदेशक, जियाडा



