
Uday Chandra
New Delhi : उत्तराखंड में चमोली के जिस हादसे को ग्लेशियर टूटने की घटना से जोड़ कर देखा जा रहा था वो सही नहीं है. यह हादसा ग्लेशियर टूटने से नहीं हुआ, बल्कि तापमान बढ़ने से बर्फ पिघली और बाढ़ आ गयी.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सोमवार को हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में बताया गया कि क्षेत्र में ग्लेशियर नहीं टूटा बल्कि भारी मात्रा में बर्फ पिघलने से आपदा आयी है. बैठक में इसरो के वैज्ञानिकों ने सैटेलाइट पिक्चर से साफ किया कि यह आपदा ग्लेशियर टूटने नहीं आयी. तापमान बढ़ने से बर्फ पिघली और यह हादसा हो गया.
इस बीच दिल्ली से पहुंची रक्षा अनुसंधान संगठन ( डीआरडीओ) की टीम चमोली में आपदा का कारणों पर पता लगाने के लिए हवाई सर्वेक्षण कर रही है. डीआरडीओ की टीम का कहना है कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि एक लटकता हुआ ग्लेशियर मुख्य ग्लेशियर से अलग हो गया और संकरी घाटी में नीचे आ गया.
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संयुक्त राष्ट्र महासचिव मदद की पेशकश की
राहत और बचाव कार्य के दौरान चमोली जिला पुलिस ने अब तक 19 शव मिलने की पुष्टि की है. इधर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि है UN आपदा की इस घड़ी में भारत को हर तरह की सहायता करने को तैयार है.
एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि अगर भारत को रेस्क्यू ऑपरेशन में किसी तरह की मदद की जरूरत है तो हम अपने संसाधनों के साथ भारत को मदद करने के लिए तैयार हैं.
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