
Chaibasa : पश्चिम सिंहभूम जिला के भूमि रैयतो को जल्द ही मुआवजा का राशि भुगतान किया जाएगा. इसके लिए मझगांव विधानसभा के विधायक निरल पुरती ने बजट सत्र में सदन के सामने सवाल उठाया. जिसमें विभाग ने जवाब देते हुए कहा कि एक सप्ताह के अंदर जिला के 7 सड़कों में भूमि अधिग्रहण की गई रैयतों को मुआवजा का भुगतान किया जाएगा. झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में मझगांव विधानसभा के विधायक निरल पुरती के द्वारा तारांकित प्रश्न के तहत पथ निर्माण विभाग के मंत्री से पूछा गया कि पश्चिम सिंहभूम जिला के 8 पथों के चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण परियोजनाओं में भू अर्जन के लिए रैयतों के भुगतान हेतु लंबित राशि का सरकार भुगतान कब तक करना चाहती है.
इसके जवाब में पथ निर्माण विभाग के मंत्री ने कहा कि 8 पथों को ग्रामीण कार्य विभाग से हस्तांतरित करते हुए पथ का निर्माण कराया गया है. इसके क्रम में भू-अर्जन की आवश्यकता हुई है. इसमें समीक्षा के बाद दो पथों 1.भोया से पान्ड्रासाली और 2. सिंह पोखरिया पीडब्ल्यूडी पथ झींकपानी-सेरेंगसिया-जगन्नाथपुर जैंतगढ़ पथ के भू-अर्जन के लिए पूरी राशि एक सप्ताह में उपलब्ध कराया जाएगा. साथ ही 5 पथों 1.चाईबासा से सैतवा, 2. हाटगम्हरिया-बलंडिया -भोंडा-मझगांव -बेनीसागर, 3.आसुरा पीडब्ल्यूडी पथ, 4.तांतनगर- भरभरिया- कुमारडुंगी- अंधारी – मझगांव और 5. मझगांव-खैरपाल- जैंतगढ़- सियालजोड़ा -भनगांव- नोवामुंडी तक के पथ का भी राशि आंशिक आवंटन एक सप्ताह में उपलब्ध कराया जाएगा. इस सात पथों में कुल 96.83 करोड भू अर्जन के लिए अधिकृत है. जिसमें 61.87 करोड़ प्रशासनिक स्वीकृति सीमा अंतर्गत है संबंधित से में 41 करोड़ का बजट उपबंध अवशेष है जो यथाशीघ्र आवंटित कर दी जाएगी. शेष राशि 20.87 करोड़ को उक्त शीर्ष में राशि का पूनर्विनियोग कराकर आवंटित कर दिया जाएगा और शेष राशि 34.96 करोड़ का आवंटन प्रशासनिक स्वीकृति के पुनरीक्षण के उपरांत उपलब्ध कराया जाएगा. जिसके लिए प्रक्रिया विभाग स्तर पर की जा रही है. आठवीं पथ सोनुवा-गोईलकेरा- मनोहरपुर के लिए 75.17 करोड़ की अधियाचना प्राप्त हुई थी.
वर्ष 2017 तक मात्र 5.59 करोड़ का ही अवार्ड घोषित किया गया था. जबकि वर्ष 2014 में ही पथ प्रमंडल चाईबासा के द्वारा 16.56 करोड भू अर्जन कार्यालय को उपलब्ध कराया जा चुका है. अब यह पथ एनएच 320 डी के रूप में राष्ट्रीय उच्च पथ अधिसूचित है. इसलिए इसे नए सिरे से करवाई भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा अपेक्षित होगी. इस परिपेक्ष्य में वर्ष 2019 में ही भू अर्जन प्रक्रिया स्थगित के लिए भू अर्जन कार्यालय से अनुरोध किया गया है.


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