
Chaibasa : सेना की शारीरिक और चिकित्सा जांच प्रक्रिया पूरी कर चुके अभ्यर्थियों की पुरानी नियुक्ति प्रक्रिया के तहत लिखित परीक्षा लेने की मांग को लेकर पश्चिमी सिंहभूम जिले के उपायुक्त के माध्यम से शनिवार को भारत के राष्ट्रपति को तीन सूत्री मांग पत्र सौंपा गया. पत्र की प्रति रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार और झारखंड के राज्यपाल को भी दी गयी है. पत्र में कहा गया है कि अग्निपथ योजना तत्काल प्रभाव से लागू करने के कारण सैनिक भर्ती का मौजूदा ढांचा अस्तित्व में नहीं रहेगा. इस कारण वैसे अभ्यर्थी जो 2021 में शारीरिक और चिकित्सा जांच प्रक्रिया पूरी कर चुके हैं, उनकी लिखित परीक्षा नहीं ली जा सकेगी. टीओडी लागू होने के बाद युवाओं की आर्मी परीक्षा रद्द कर दी गयी है. केंद्र सरकार की इस योजना के चलते सेना में स्थायी भर्ती की जगह संविदा के तौर पर भर्ती होगी. इस योजना से ना सिर्फ युवाओं को नुकसान होगा, बल्कि सेना की गोपनीयता एवं विश्वसनीयता भी भंग हो सकती है. सरकार ने यह कदम वेतन और पेंशन का बजट कम करने के लिए उठाया है. चार साल की नौकरी ही मिले, तो इसका क्या फायदा. सरकार हमें ऐसे रास्ते पर छोड़ देगी, जहां से हमें कोई रास्ता नहीं मिलेगा. इसलिए सरकार पुरानी प्रणाली ही कायम रखे. अभ्यर्थियों ने राष्ट्रपति से तीन सूत्री मांगों को पूरा करने का आग्रह किया है.
क्या हैं मांगें
1. वैसे अभ्यर्थी जो 2021 में शारीरिक और चिकित्सा जांच प्रक्रिया पूरी कर चुके हैं, पुरानी नियुक्ति प्रक्रिया के तहत उनकी लिखित परीक्षा ली जाये. पुरानी नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा करके उनको सेना में सेवा का अवसर दिया जाये.


2. अग्निपथ योजना को पूर्ण रूप से निरस्त करके सेना भर्ती की पुरानी प्रणाली को ही कायम रखा जाये.


3. सभी विभागों में रिक्त पदों पर स्थायी नियुक्ति प्रक्रिया चालू की जाये.
उपायुक्त को ज्ञापन सौंपनेवाले प्रतिनिधिमंडल में सामाजिक कार्यकर्ता बसंत महतो, पूर्व सैनिक सह प्रशिक्षक दयासागर केराई, वासिल हेंब्रोम, आकाश महतो,आशीष खलखो, हिमांशु महतो, गणेश प्रधान, राकेश महतो, यशकांत महतो, सिद्धेश्वर कूदादा आदि शामिल थे.