
Ranchi : रांची के होटवार में सीसीएल और राज्य सरकार की साझेदारी से चल रहे JSSPS (झारखंड स्टेट स्पोर्ट्स सोसाइटी) के फंड में कटौती हो सकती है. वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए पहले सीसीएल ने सीएसआर फंड से 25 करोड़ रुपये का आवंटन तय करने की योजना बनायी थी. पर इसमें करीब 5 करोड़ की कटौती कर इसके लिए 20 करोड़ 29 लाख रुपये कर दिया गया है. इतना ही नहीं, अगले साल सीएसआर फंड में आवंटन 20 करोड़ से भी नीचे किये जाने की पूरी संभावना बन चुकी है. कोरोना संकट के कारण सीसीएल को वर्तमान वित्तीय वर्ष में होनेवाले घाटे को इसका आधार बताया जा रहा है.
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साल दर साल बढ़ा है फंड
सीसीएल ने जेएसएसपीएस के संचालन का जिम्मा 2015-16 से लिया था. खेल अकादमी के संचालन, खेल यूनिवर्सिटी की स्थापना और होटवार के स्पोर्ट्स क़ॉम्पलेक्स के मेंटेनेंस और देखभाल की खातिर जेएसएसपीएस का गठन किया गया था. इसे चलाने के लिए सीसीएल ने अपने सीएसआर फंड का उपयोग करने की योजना बनायी थी. अब भी इसी फंड को यूज किया जा रहा है. 2016-17 से अब तक उसने स्पोर्ट्स एकेडमी के संचालन और स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स की देखभाल पर 50 करोड़ से अधिक रुपये खर्च किये हैं. 2016-17 में 4 करोड़ 83 लाख, 2017-18 में 13 करोड़ 5 लाख, 2018-19 में 12 करोड़ 75 लाख और 2019-20 में लगभग 20 करोड़ रुपये व्यय किये. 2020-21 के लिए 20 करोड़ 29 लाख का प्रावधान किया गया है. एमओयू के मुताबिक जो राशि व्यय होती है, उसमें राज्य सरकार और सीसीएल की 50-50 की भागीदारी होती है.
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स्टेडियम के मेंटेनेंस के खर्च पर नजर
जेएसएसपीएस के स्पोर्ट्स एकेडमी में अभी लगभग 450 खिलाड़ी हैं. इनकी पढ़ाई, खेल सामग्री, ट्रेनिंग, खान-पान का खर्च वही करता है. इसके अलावा स्टेडियमों में सिविल वर्क, गार्डनिंग, सुरक्षा, कोचों और अन्य स्टाफ की सैलरी पर भी खर्च किया जाता है. 5 करोड़ से अधिक का खर्च 9 स्टेडियमों के सिविल वर्क़, इलेक्ट्रिकल मेंटेनेंस और गार्डनिंग पर होता है. 2 करोड़ 20 लाख का खर्च बच्चों की ट्रेनिंग पर है. लगभग 2 करोड़ रुपये सुरक्षा कार्यों पर खर्च किये जा रहे हैं. इन सभी के अलावा स्टेशनरी, ऑफिस, पेपर, कंप्यूटर वगैरह के खर्चे भी हैं. सीएसआर फंड में कटौती की स्थिति में स्टेडियमों के मेंटेनेंस के खर्च को सीमित किये जाने को प्राथमिकता दिये जाने की संभावना है. ऐसे ही बच्चों की ट्रेनिंग प्रोग्राम को छोड़ अन्य खर्चों को भी लिमिट किये जाने का विचार है.
सीएसआर फंड में कटौती और वीआरएस का प्लान
सीसीएल में एक सीएसआर कमेटी है. इसमें 5 जीएम रैंक के अफसरों की टीम है. इसी के जरिये हर साल सीएसआर फंड में बढ़ोत्तरी या कमी के संबंध में पहल की जाती है. जानकारी के अनुसार कोरोना संकट का असर कोयला उत्पादन और कई कामों पर पड़ा है. इन सबका व्यापक असर कंपनी के प्रॉफिट पर पड़ना तय है. अगले साल की शुरुआत में कंपनी अपने सीएसआर फंड की समीक्षा करेगी. बताया जा रहा है कि कंपनी अपने अधिकारियों, कर्मचारियों को वीआरएस के लिए भी प्रोत्साहित कर रही है. ऐसे में सीएसआर फंड में भी कटौती की पूरी संभावना बन गयी है.
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