
Pravin Kumar
Ranchi : बिरसा मुंडा जैविक उद्यान, ओरमांझी में मछलीघर के निर्माण में मुख्य वन संरक्षक अशोक कुमार पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगा है. मामला बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में बने मछलीघर के निर्माण से जुड़ा है. उस दौरान अशोक कुमार बिरसा मुंडा जैविक उद्यान के निदेशक के पद पर कार्यरत थे.
तीन साल पहले ओरमांझी बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में बने मछलीघर का उद्घाटन पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने किया था. मछली घर के निर्माण को लेकर लोकायुक्त के समक्ष शिकायतवाद दायर हुआ था. लोकायुक्त में मामला लंबित होने के कारण अशोक कुमार का स्वच्छता प्रमाण पत्र जो पूर्व में लोकायुक्त कार्यालय ने निर्गत कर दिया था उसे 14 अगस्त 2020 को वापस ले लिया गया.


इसे भी पढ़ें – बिल्डर अभय सिंह के ऑफिस में गोलीबारी करनेवाले अपराधी गिरफ्तार, रांची पुलिस जल्द कर सकती है खुलासा


वन विभाग ने बिना एस्टीमेट के ही कर दिया टेंडर
बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में मछलीघर का निर्माण बिना एस्टीमेट के ही 5.67 करोड़ की लागत से कराया गया था. इसके लिए टेंडर भी निकाला गया था. मछलीघर निर्माण का टेंडर मुंबई की कंपनी को मिला था. इतना ही नहीं बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में बने मछलीघर के लिए जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया से निर्माण के पूर्व अनुमति भी नहीं ली गयी थी. वहीं झारखंड चिड़ियाघर प्राधिकरण ने मछलीघर निर्माण का एस्टीमेट मांगा था और इस पर आपत्ति भी दर्ज की थी. विभाग की ओर से आनन-फानन में बिना कायदे कानून का अनुपालन किये मछलीघर का निर्माण कराया गया था. जिसका उद्घाटन पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के द्वारा किया गया था.
मुख्य वन संरक्षक अशोक कुमार पर चल रहा है लोकायुक्त में शिकायतवाद
लोकायुक्त के यहां बिरसा मुंडा जैविक उद्यान के तत्कालीन निदेशक अशोक कुमार (वर्तमान में मुख्य वन संरक्षक) के विरुद्ध शिकायतवाद चल रहा है, जिसमें मछलीघर के निर्माण में अनियमितता का आरोप लगाया गया है. प्राप्त सूचना के अनुसार बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में बने मछली घर का निर्माण अशोक कुमार के कार्यकाल के दौरान किया गया है. इसके निर्माण में 5.67 करोड़ खर्च किये गये थे. वहीं 3.5 करोड़ की लागत से 58 फिशटैंक और एक्वेरियम बने थे.
इसे भी पढ़ें – योगेंद्र साव के मामले में हाइकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
वन विभाग की ओर से लोकायुक्त कार्यालय से मांगा गया था स्वच्छता प्रमाण पत्र
प्राप्त सूचना के अनुसार लोकायुक्त कार्यालाय से अशोक कुमार को लेकर स्वच्छता प्रमाण पत्र मांगा गया था. इसके बाद लोकायुक्त कार्यालय द्वारा अशोक कुमार का स्वच्छता प्रमाण पत्र निर्गत भी कर दिया गया. लेकिन शिकायतवाद दयार करनेवाले व्यक्ति ने लोकायुक्त कार्यालय को पत्र लिख जानना चाहा कि क्या अशोक कुमार का स्वच्छता प्रमाण पत्र निर्गत कर दिया गया है. इसके बाद लोकायुक्त कार्यालय द्वारा निर्गत स्वच्छता प्रमाण पत्र 14 अगस्त को वापस ले लिया गया. इसकी सूचना वन विभाग को भी भेज दी गयी.
आरोप को लेकर क्या कहते हैं मुख्य वन संरक्षक अशोक कुमार
मछली घर के निर्माण के मामले में अनियमितता के आरोप पर मुख्य वन संरक्षक अशोक कुमार का कहना है कि सभी नियम और कायदे का अनुपालन कर मछलीघर का निर्माण किया गया है. मुझ पर लगे आरोप बेबुनियाद हैं. लोकायुक्त कार्यालय के समक्ष हमने अपना पक्ष भी रख दिया है.
इसे भी पढ़ें – घोटाला: आंगनबाड़ी सामग्री खरीद में गड़बड़ी, 12 और 18 रुपये में खरीदी 10 रुपये वाली साबुन
Thanks so much for the blog post.
Hi there, after reading this amazing paragraph i am as well delighted to share my knowledge here with friends.
I really like and appreciate your blog post.
Thank you ever so for you article post.
Like!! I blog quite often and I genuinely thank you for your information. The article has truly peaked my interest.