
Ranchi : गढ़वा जिले में जल जीवन मिशन योजनाओं को गति देने को समन्वयक की जरूरत है. इसके लिए पेयजल विभाग कैंडिडेट संजय मिश्रा के लिए पलकें बिछाये बैठा है. वह ऐसा कैंडिडेट है जिसे पूर्व में दूसरे जिलों के डीसी टर्मिनेट कर चुके हैं. पूर्व में (मार्च-अप्रैल 2022) चतरा जिले में संजय ने ऐसे कारनामे किये थे कि तत्कालीन डीसी अंजलि यादव ने उसे 3 जून को टर्मिनेट करने का आदेश (पत्रांक- 241) जारी कर दिया था. मसला वित्तीय मामले में यूसी (उपयोगिता प्रमाण पत्र) नहीं सौंपे जाने का था, कार्यों में लापरवाही भी गंभीर मसला था. इनका सेवा विस्तार भी पीएमयू (पेयजल विभाग, झारखंड) के स्तर से नहीं किया गया था (आदेश संख्या- PMU/SWSM-कार्यकारिणी-125/2006-18/SWSM रांची, 23.05.2022). चतरा के अलावे दूसरे जिलों में आवेदन करने पर संजय मिश्रा के आवेदन को खारिज कर दिया गया था. पर गढ़वा जिले में संजय मिश्रा का जलवा सिकंदर की तरह पेयजल विभाग पर छा चुका है. अब उसके गले में विजयमाला डालने की तैयारी विभागीय अधिकारी करने में लगे हैं.
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शिकायतों की फेहरिस्त
गौरतलब है कि पूर्व में भी न्यूज विंग में संजय मिश्रा के संबंध में खबर चली थी. पर पेयजल विभाग, गढ़वा कह चुका है कि उसे संजय के बारे में कुछ भी पता नहीं. 6 दिसंबर को पेयजल विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर की ओर से आइसी कॉर्डिनेटर, एमआइएस कॉर्डिनेटर और एसबीएम सह एसएलडब्लूएम कॉर्डिनेटर के लिए फ्रेश लिस्ट जारी की गयी है. 10 दिसंबर को इन पदों के लिए लिखित परीक्षा और इंटरव्यू तय किया गया है. IEC कोऑर्डिनेटर के पद के लिए जारी IEC मेरिट लिस्ट में IEC उम्मीदवार के रूप में संजय कुमार मिश्रा (पिता-श्री श्रीनाथ मिश्रा, गृह जिला-पलामू) को जगह दी गयी है.
संजय को लेकर गढ़वा समेत दूसरे जिलों में भी खूब चर्चाएं जारी हैं. पूर्व में चतरा जिले में उनकी सेवा विवादित रही. DDC चतरा (पत्रांक- 445, 27.04.22), कार्यपालक अभियंता अविक अम्बाला (पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल-चतरा) के (पत्रांक-215, 07.05.2022) तथा चतरा डीसी के द्वारा भी इन्हें वित्तीय मामलों और मसलों पर लापरवाही बरते जाने पर टर्मिनेट किया गया है. चतरा जिले में शौचालय निर्माण के राशि के लिए सखी मंडल (SHG) के महिलाओं से घूस मांगने का ऑडियो भी खूब वायरल हुआ था. इसके बाद धनबाद प्रमंडल-1 और प्रमंडल-2, लातेहार, चतरा एवं गृह ज़िले पलामू तक में संजय का आवेदन खारिज हो चुका है.
चतरा मामले से पूर्व पेयजल विभाग के पूर्व निदेशक अबू इमरान ने संजय मिश्रा के मामले में जांच कराये जाने की अनुशंसा (पत्रांक- SBM(G)/चतरा जिला – 02-2015-313, 16.03.2020) की थी. मुख्य अभियंता-सह-कार्यकारी निदेशक, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, झारखंड रांची के आदेशानुसार इनका संविदा विस्तार भी नहीं किया गया है. मतलब इन्हें टर्मिनेट मान कर इनका संविदा समाप्त की जा चुकी है. संविदा विस्तार नहीं मिलने और कहीं भी विभाग में सेवारत नहीं होने के बावजूद संजय के मामले में मेरिट लिस्ट में 10 मार्क्स दिए जाने का मसला भी विवादित हो गया है. विज्ञापन की शर्तों के मुताबिक कहीं कार्यरत कर्मी के तौर पर ही आवेदक को इतने अंक मेरिट लिस्ट में मिलने हैं. उम्मीदवार की अधिकतम आयु 35 वर्ष निर्धारित थी. पर 41 वर्ष उम्र होने के बावजूद भी मेरिट लिस्ट में जगह संजय को मिली है.
सूचना देने में विभाग की दिलचस्पी नहीं
विभागीय इंजीनियर प्रदीप कुमार (पेयजल विभाग, गढवा) से न्यूज विंग ने संजय मिश्रा के मामले में जानकारी के लिए कई बार फोन किया, मैसेज भी किये पर कोई जवाब उपलब्ध नहीं कराया गया. विभाग के मुख्यालय स्तर (रांची) से कहा गया कि जिले स्तर पर ही नियुक्ति का मसला है तो वहीं से जानकारी मिलेगी.
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