Ranchi : विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले से संबंधित पत्र को मीडिया में सार्वजनिक किये जाने के बाद झाविमो से टूटकर भाजपा में गये दो विधायकों द्वारा थाने में शिकायत की गयी थी. इस शिकायत के बाद से झाविमो द्वारा भाजपा पर लगतार प्रहार जारी है. झाविमो के केंद्रीय प्रवक्ता योगेंद्र प्रताप सिंह ने प्रेस बायन जारी करते हुए कहा है कि झाविमो ने विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े पत्र में उल्लेखित सभी 20 लोगों के कॉल डिटेल्स की जांच करने की मांग की है. योगेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि पत्र के अनुसार खरीद-फरोख्त में छह विधायक सहित कुल 20 नेता शामिल हैं. झाविमो राज्य सरकार से मुख्यमंत्री सहित उक्त सभी लोगों के निजी मोबाइल नंबर, उनके पीए और उनके चालकों के मोबाइल नंबर का 01 जनवरी 2015 से लेकर 10 फरवरी 2015 की अवधि तक के मोबाइल कॉल डिटेल्स की जांच की मांग करती है. इससे ही भाजपा पूरी तरह बेपर्दा हो जायेगी.
उन्होंने कहा कि सवाल उठता है कि भाजपा आखिर सीबीआई जांच से डर क्यों रही है? सरकार इसकी अनुशंसा कर दूध का दूध और पानी का पानी क्यों नहीं करती? खुद जज बनकर पत्र को फर्जी करार देकर भाजपा केवल बयानबाजी कर रही है. अब सीबीआई जांच की अनुशंसा तो राज्य सरकार को ही न करनी है, फिर किसका इंतजार किया जा रहा है? सभी संलिप्त भाजपाई जाकर सीएम से गुहार क्यों नहीं लगाते कि उनपर लगे दाग को सीबीआई जांच करवाकर धुलवाया जाये? योगेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि हालांकि, बाबूलाल जी ने पहले ही कह दिया है कि भाजपा के दामन पर इतने दाग हैं कि दुनिया का कोई साबुन इसे नहीं धो सकता है.
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जांच कराने की बजाय केवल बयानबाजी कर रही भाजपा
योगेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि जांच कराने की बजाय भाजपा केवल बयानबाजी कर व झाविमो अध्यक्ष पर फर्जी मुकदमा कर आईवॉश कर रही है. उन्होंने कहा कि हास्यास्पद बात है कि विधायक भी थाना को दिये गये आवेदन में खुद ही भादवि की धारा तक अंकित कर दे रहे हैं. थानेदार का काम और कुछ आसान हो जाता, अगर केस डायरी भी विधायक घर ले जाकर ही भर लेते. सत्ता के दुरुपयोग का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है कि एक बरामद पत्र का हवाला देकर जिन लोगों पर कार्रवाई के लिए राज्यपाल से मिला जाता है, उन लोगों पर अभी तक कोई कार्रवाई तो हुई नहीं, उल्टा जांच की मांग करनेवाले पर ही उन लोगों से राज्य सरकार के इशारे पर फर्जी मुकदमा करा दिया गया. उन्होंने कहा कि झाविमो अध्यक्ष पर फर्जी केस कराकर और गीदड़भभकी देकर भाजपा सोच रही है कि झाविमो इस मुद्दे पर चुप हो जायेगा, तो वह मुगालते में है. पत्र की सत्यता की जांच तो सरकार को करानी ही होगी.
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