
RANCHI : राज्य के अधिकारियों ने उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने में लापरवाही बरती है. शीतकालीन सत्र में पेश किए गए सीएजी की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2018-19 तक भुगतान किए गए 69,702.99 करोड़ रुपये का अनुदान से सम्बंधित 29,358 उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं किया गया है. ये उपयोगिता प्रमाण पत्र मार्च 2020 तक जमा नहीं किये. रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2018-19 में 17,975.81 करोड़ और 2019-20 में 19,191.46 करोड़ रु सहायता अनुदान में से 8,446.2 करोड़ और 7,079.39 करोड़ रु प्राधिकरणों व निकायों को दी गयी थी. इस राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र अब तक जमा नहीं किया गया है.
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नौ विभागों ने सबसे अधिक उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं किये


ग्रामीण विकास- 20,861.54 करोड़ के 2468 यूसी (यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट)
नगर विकास- 15167.62 करोड़ के 7959 यूसी
स्कूली शिक्षा- 14,920.86 करोड़ के 3942 यूसी
ऊर्जा विभाग- 7437.84 करोड़ के 82 यूसी
स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग- 5462.37 करोड़ के 610 यूसी
कृषि पशुपालन एवं सहकारिता- 1538 यूसी
कल्याण- 1083 यूसी
महिला,बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा-1053 यूसी
उद्योग विभाग- 659 यूसी
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बकाया उपयोगिता प्रमाण पत्र का वर्षवार विवरण इस प्रकार हैं
वर्ष | प्रमाणपत्रों की संख्या | राशि (करोड़ में) |
2010-11 | 2192 | 966.4 |
2011-12 | 494 | 273.38 |
2012-13 | 945 | 1,141.17 |
2013-14 | 1,333 | 1,518.08 |
2014-15 | 2,134 | 5,354.78 |
2015-16 | 8,907 | 9,574.60 |
2016-17 | 4,873 | 14,501.49 |
2017-18 | 3,997 | 18,937.65 |
2018-19 | 4,483 | 17,435.44 |
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