
Ranchi: राज्य के 24 जिलों में 500 से अधिक बीआरपी-सीआरपी हैं. इनमें से चार जिले को छोड़कर लगभग सभी जिलो के बीआरपी-सीआरपी का अनुश्रवण भत्ता पिछले चार माह से लंबित है.
यह बात बीआरपी-सीआरपी महासंघ झारखंड प्रदेश की केंद्रीय कमेटी की ऑनलाइन बैठक में सामने आयी. इस बैठक में 22 जिलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय कमेटी के अध्यक्ष पंकज शुक्ला ने की.
इस समीक्षा बैठक में यह बात सामने आयी है कि पूरे राज्य में लगभग 70 ऐसे सीआरपी हैं जिनका पिछले वित्तीय वर्ष यानी मार्च 2020 तक किसी न किसी माह का मानदेय लंबित है.


सीआरसी ग्रांट के समीक्षा बैठक में यह पाया गया कि दो-तीन जिले को छोड़कर सभी जिलों में पिछले वित्तीय सत्र का सीआरसी ग्रांट अभी तक संकुल में नहीं गया है.




पूरे राज्य में लगभग 500 सीआरपी-बीआरपी की प्रतिनियुक्ति कोविड-19 में की गयी है.
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प्रधान सचिव को पत्र लिखेगा महासंघ
बैठक के बाद निर्णय लिया गया कि उक्त बिंदुओं पर महासंघ की तरफ से राज्य परियोजना निदेशक और शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखा जायेगा. उनसे अविलंब निराकरण की मांग की जायेगी.
बैठक में निर्णय लिया गया कि अप्रैल से अनुश्रवण भत्ता को सुचारू रूप से चालू नहीं होने की स्थिति में और उपर्युक्त समस्याओं पर सार्थक पहल नहीं करने की स्थिति में महासंघ द्वारा एक दिवसीय सांकेतिक विरोध भी किया जायेगा जिस पर अविलंब केंद्रीय कमेटी निर्णय लेगी.
बैठक में विनय हलदर, अमर खत्री, गणेश गौतम अशोक पाल, जयनंदन कुमार, बासुदेव महतो सत्येंद्र कुमार, जितेंद्र सिंह, उमेश राय, संजय कुमार, प्रवीण कुमार, उपेंद्र यादव, जय चटर्जी अमित श्रीवास्तव, किशोर दुबे, कन्हाई अग्रवाल, चंदन कुमार, धर्मेंद्र दुबे, हृदय नाथ महतो, नव किशोर सिंह देव, सुभाष मंडल, श्यामलाल, जमील अंसारी, फैजल अफरोज, ठाकुर, आलोक कुमार, परिमल मंडल, हसनत अली, शेखर कुमार, मनोज राय, वीरेंद्र पांडे इत्यादि उपस्थित थे.
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