
Prakash Mishra
Bokaro : जिले के कसमार प्रखंड स्थित खूंटा और सिल्ली साड़म गांव को खांजो नदी पर बने पुल से जोड़ने के चक्कर में वनभूमि पर बगैर एनओसी से सड़क बनाने का काम पिछले एक माह से चल रहा है, जिस पर पेटरवार वन क्षेत्र के पदाधिकारी से लेकर कर्मचारी तक चुप्पी साधे हुए हैं. यह सड़क लगभग दो करोड़ की लागत से प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बन रही है. करीब ढाई किलोमीटर सड़क निर्माण की स्वीकृति कसमार प्रखंड के खूंटा गांव और सिल्लीसाड़म गांव के अंतिम छोर से खांजो नदी तक सड़क बनाया जा रहा है. इसमें कई एकड़ जमीन वनभूमि को अधिग्रहित की जा रही है, लेकिन वन विभाग की ओर से किसी भी प्रकार की एनओसी नहीं मिली है और रात-दिन एक कर संवेदक की ओर से सड़क निर्माण किया जा रहा है, ताकि वनभूमि पर किसी तरह के अड़चन आने से पूर्व सड़क निर्माण पूरा हो जाये.
तीन वर्ष पूर्व वनभूमि पर हुआ था पौधरोपण
सिल्ली साड़म और खूंटा गांव से खांजो नदी तक जिस क्षेत्र में सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है, पूरी सड़क वन भूमि के बीचोंबीच होकर गुजर रही है. जिस स्थान होकर सड़क निर्माण इन दिनों चल रहा है उस इलाके में तीन वर्ष पूर्व वन विभाग की ओर से पौधरोपण करवाया था. पौधरोपण के बाद इसकी सुरक्षा के लिए वनभूमि की सीमा पर ट्रेंच भी खोदे गये थे. सड़क निर्माण के दौरान हजारों की संख्या में सागवान समेत अन्य इमारती लकड़ी के पौधों को नुकसान भी पहुंचाया जा रहा है. साथ ही कई छोटे-बड़े पलाश के पेड़ों को काटकर नुकसान पहुंचाया जा रहा है.
वनभूमि से हो रहा है मिट्टी काटने का कार्य
सड़क पर मिट्टी फिलिंग करने के लिए वनभूमि से मिट्टी काटने का कार्य भी संवेदक की ओर से किया जा रहा है. कई स्थानों पर मिट्टी काटकर बड़े गड्डे भी बना दिये गये है. वहीं गार्ड वाल, पुलिया बनाने के लिए कई स्थानों पर मिट्टी भी कटाई की गयी है. जबकि खांजो नदी से खूंटा गांव के बीच काफी घने पलाश के पेड़ हैं. उन पलाश के पेड़ों के साथ ग्रामीण के रैयती जमीन होने के कारण सड़क निर्माण कार्य रुक गया है. जिस कारण संवेदक सिल्ली साड़म से खांजो तक के वनभूमि को अतिक्रमण कार्य को जल्द खत्म करने की फिराक में है.
वन विभाग से नहीं दी गयी है एनओसी : डीएफओ
बोकारो वन प्रमंडल पदाधिकारी आरएन मिश्रा ने कहा कि कसमार प्रखंड में सिल्ली साड़म और खूंटा गांव से खांजो नदी तक बनने वाली सड़क को लेकर वन विभाग की ओर से किसी भी प्रकार की एनओसी नहीं दी गयी है. अगर जंगल के बीचोंबीच से बगैर एनओसी के सड़क निर्माण हो रहा है, तो पहले इस कार्य को बंद करवाया जायेगा. उसके बाद वन अधिनियम के तहत संवेदक पर मुकदमा भी हो सकता है.
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