
- आयोग की टीम ने कहा : आप डीसी हैं आपके पास तो सभी डाटा होना चाहिये
- बोकारो एसपी को कहा: लेबर प्रोब्लम में आप भी मध्यस्थता कराते हैं, आपको भी मालूम नहीं
- धनबाद डीसी भी रहे निशाने पर, टीम ने कहा कि अवैध कारोबार व उससे जुड़े लोगों की प्रोफाइल क्यों नहीं है
Ranchi: बोकारो डीसी मृत्युंजय कुमार वर्णवाल और एसपी कार्तिक एस को चुनाव आयोग के अधिकारियों के सवालों के जवाब नहीं देना भारी पड़ गया. जवाब नहीं देने की सूरत में राज्य सरकार को डीसी और एसपी को बदलना मजबूरी हो गयी. हुआ यूं कि जब निर्वाचन आयोग की टीम ने बोकारो डीसी मृत्युंजय कुमार वर्णवाल से पूछा कि बोकारो जिले में काफी संख्या में मजदूर हैं. बाहर से भी मजदूर खदानों व कारखानों में काम के लिए आते हैं. उनकी संख्या बतायें. साथ ही वोटरों की भी संख्या बतायें. इस पर बोकारो डीसी मृत्युंजय कुमार वर्णवाल ने कहा कि इसका डाटा मेरे पास नहीं है. तब निर्वाचन आयोग की टीम ने कहा कि आप जिले के डीसी हैं आपके पास तो डाटा होना चाहिये. डीसी के जवाब पर आयोग की टीम ने नाराजगी भी जतायी. कहा, जब आप वोटरों की संख्या और मजदूरों की संख्या नहीं बता पा रहे हैं तो वोटर कैसे बनायेंगे. बेसिक जानकारी भी नहीं है. निर्वाचन आयोग की रिपोर्ट के बाद सरकार को बोकारो डीसी को बदलना पड़ा.
बोकारो एसपी कार्तिक एस भी रहे निशाने पर
निर्वाचन आयोग की टीम ने जब बोकारो एसपी कार्तिक एस से मजदूरों की संख्या की जानकारी मांगी, तो वे भी नहीं बता सके. आयोग ने टीम ने एसपी को कहा कि लेबर प्रॉब्लम होता है तो आप ही मध्यस्थता के लिए जाते हैं. आपको मजदूर यूनियन और उनकी डिमांड की भी जानकारी नहीं है. आपके पास भी तो डाटा आंकड़ा होना चाहिये. टीम ने एसपी की बातों पर असंतोष जाहिर किया. इसके बाद एसपी को भी बदलना सरकार की मजबूरी हो गयी.
धनबाद डीसी से भी नाखुश थी आयोग की टीम
धनबाद डीसी अंज्यूले दोड्डे भी निर्वाचन आयोग की टीम को सही जानकारी और आंकड़ा नहीं दे पाये. आयोग ने टीम ने धनबाद में मजदूरों की संख्या, वहां हो रहे कोयले का अवैध व्यापार और क्रिमिनल लोगों की प्रोफाइल के बारे में जानना चाहा. इस पर डीसी ने कोई आंकड़ा नहीं दिया. निर्वाचन आयोग की टीम ने कहा कि मसल मैन और क्राइम से संबंधित डाटा होना चाहिये. पहले से सुरक्षा की व्यवस्था करें. फिर कहा कि अभी से सारी व्यवस्था क्यों नहीं कर रहे हैं जब उम्मीदवार सामने आयेगा तब करेंगे क्या?
पाकुड़ डीसी का प्रेजेंटेशन था कमजोर
पाकुड़ जिले के डीसी कुलदीप चौधरी को चुनाव आयोग के अधिकारियों ने फटकार लगायी. चुनाव आयोग के अधिकारियों ने पाकुड़ डीसी के प्रेजेंटेशन पर पर नाराजगी जताते हुए उसे सुधारने के लिए कहा. दरअसल, पाकुड़ डीसी कुछ मामलों को लेकर आयोग के अधिकारियों के सामने कंफ्यूज दिखे, जिसके बाद आयोग के अधिकारियों ने कहा कि अपना प्रेजेंटेशन सुधारिये.
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