
Ranchi: राजनीति की परंपरा रही है कि निजाम बदलते ही पूरी रियासत के सिपहसालार भी बदल जाते हैं. नये सिरे से राजनीतिक ताना-बाना बुना जाता है. राष्ट्रीय स्तर से लेकर बूथ स्तर तक चेहरे बदलते देखे जाते रहे हैं. कुछ ऐसा ही होना है झारखंड बीजेपी की राजनीति में. राष्ट्रीय अध्यक्ष बदलते ही प्रदेश अध्यक्ष नये आये. अब बारी है पार्टी के हिसाब से जिला स्तर पर बदलाव करने की.
बीजेपी में झारखंड में पार्टी के हिसाब से 26 जिले हैं. रांची और जमशेदपुर नगर निगम क्षेत्र को भी पार्टी जिला मानती है और यहां नगर अध्यक्ष चुना जाता है. जिसकी प्रक्रिया जिला अध्यक्ष चुनने वाली जैसी ही होती है. बीजेपी के पुख्ता सूत्रों ने बताया है कि पार्टी की तरफ से सारी औपचारिकता पूरी हो चुकी है. मई के आखिरी हफ्ते में नये जिलाध्यक्षों के नाम सार्वजनिक कर दिये जाएंगे.
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होती है वोटिंग, जरूरत पड़ने पर की जाती है रायशुमारी


बीजेपी कार्यकर्ताओं का कहना है कि दूसरी पार्टी भले ही जिलाध्यक्षों को कार्यकर्ताओं पर थोप देती हो. लेकिन उनकी पार्टी में एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया के जरिए जिलाध्यक्षों का चुनाव किया जाता है. दरअसल पार्टी के प्रदेश स्तर से हर जिला के वोटरों के नाम तय किये जाते हैं, जो जिलाध्यक्ष के लिए वोटिंग कर सकते हैं.
पार्टी की तरफ से जिलाध्यक्ष के उम्मीदवार तय नहीं किये जाते हैं. सिर्फ वोटर तय किये जाते हैं. वो किसी तीन उम्मीदवार को वरीयता के आधार पर वोट कर सकते हैं. झारखंड में यह वोटिंग मार्च में ही हो चुकी है. अब सिर्फ प्रदेश स्तर से वोटिंग के आधार पर नामों की घोषणा करनी है. जो मई के आखिरी हफ्ते में किया जा सकता है.
सामाजिक और राजनीतिक समीकरणपर प्रदेश लगाता है मुहर
कई बार ऐसा होता है कि एक ही प्रमंडल से एक ही समुदाय के ज्यादा लोगों को वरीयता के आधार पर वोट मिल जाता है. ऐसे पेंच जब फंसते हैं, तो प्रदेश स्तर से दखलअंदाजी की जाती है. उन्हीं तीनों नामों में से एक नाम जिससे सामाजिक और राजनीतिक समीकरण बने, वो नाम तय किया जाता है.
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