
Giridih : कांग्रेस नेता नरेन्द्र सिन्हा छोटन के निधन के 10 दिनों बाद परिजनों को हिम्मत देने झारखंड कांग्रेस के सह प्रभारी सह और मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री उमंग सिंघार और सूबे के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख पहुंचे. इस दौरान गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान आत्मविश्वास के साथ हेमंत सरकार को पूरी तरह से खतरे से बाहर होने का दावा किया.
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सह प्रभारी ने कहा कि एक-एक विधायक हेमंत सरकार और संगठन के साथ है. मध्यप्रदेश और राजस्थान की पटकथा को किसी सूरत में झारखंड में लिखने नहीं दिया जाएगा. पहले की तरह भाजपा जिस प्रकार सूबे में विपक्ष की भूमिका में है.
उसी भूमिका में अब भाजपा को राज्य में रखा जाएगा क्योंकि राज्य में भाजपा के पास अब मुख्यमंत्री पद का कोई चेहरा नहीं बचा है.
कांग्रेस के सह प्रभारी ने राज्य के लोग रघुवर सरकार के कार्यकाल को देख कर यह बेहतर तरीके से समझ चुके हैं कि झारखंड की सत्ता संभालने का अनुभव भाजपा के नेताओं में नहीं है. लिहाजा, कांग्रेस गठबंधननीति के हेमंत सरकार का अनुभव इस कोरोना काल में अब लोगों को दिख रहा है.
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इरफान अंसारी समेत अन्य कांग्रेस विधायकों के हेमंत सरकार के नाराजगी के कारण दिल्ली जाने के सवाल पर उमंग सिंघार ने कहा कि हेमंत पुराने अनुभव वाले नेता हैं।
दिल्ली जाने का मतलब नाराजगी नहीं
उन्होंने कहा कि दिल्ली गए है तो यह मतलब नहीं निकालना चाहिए कि पार्टी के विधायक सरकार से नाराज हैं. कई मुद्दों पर बातचीत करने के लिए पार्टी के विधायक राष्ट्रीय नेत्तृव से बात करने जाना चाहते हैं. हालांकि गिरिडीह में बेजान हो चुके कांग्रेस पार्टी के मजबूती से जुड़े सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि गिरिडीह में भी कांग्रेस की स्थिति मजबूत है.
जिलाध्यक्ष पद के लांबिग से जुड़े सवाल के जवाब से टालमटोल करते दिखे. लेकिन शहर के सर्किट हाउस में बंद कमरे में पार्टी के अध्यक्ष नरेश वर्मा के बगैर कार्यकर्ताओं के साथ करीब आधे घंटे वार्ता किया.
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बंद कमरे में कार्यकर्ताओं के साथ हुए बैठक के दौरान पार्टी के गिरिडीह अध्यक्ष नरेश वर्मा के खिलाफ कार्यकर्ताओं द्वारा बगावत के सुर भी सुनने को मिलने की बात सामने आ रही है. लिहाजा, बैठक के बाद जब नए अध्यक्ष से जुड़े सवाल के जवाब में सिंघार ने कोई जवाब नहीं दिया. इसे जाहिर हुआ कि अध्यक्ष वर्मा के प्रति कार्यकर्ताओं की नाराजगी है.
इसे पहले सह प्रभारी दिवगंत कांग्रेस नेता छोटन के शहर के बरमसिया स्थित आवास पहुंचे, और उनके भाई अजय सिन्हा मंटु और अंजनी सिन्हा समेत पूरे परिवार को हिम्मत दी.
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