
Pravin Kumar
Ranchi : भारतीय जनता पार्टी विधानसभा चुनाव में 65 पार का लक्ष्य पाने के लिए हर एक सीट को जीत की कसौटी पर कसकर देख रही है.
जिन सीटों से भाजपा के विधायक हैं वहां उनकी परफॉर्मेंस, किये गये कार्य, लोगों के बीच पैठ और दोबारा जीतने की संभावना देख कर ही किसी विधायक को टिकट देना तय किया गया है. इसमें सीटिंग विधायक से लेकर मंत्री तक की उम्मीदवारी को पार्टी के स्तर पर टटोला जा रहा है.


पार्टी ने जीतने वाले उम्मीदवारो को ही टिकट देना तय किया है. कोयलांचल की धनबाद सीट से भाजपा अपने सीटिंग विधायकों के स्थान पर नये चेहरे उतार सकती है. धनबाद विधानसभा सीट पर भाजपा के विधायक राज सिन्हा हैं. पार्टी सूत्रों के अनुसार राज सिन्हा की दावेदारी रडार पर कही जा रही है.


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इन नामों को किया गया है शॉर्टलिस्ट
अमरेंद्र सिंह
भाजपा ने जिन नामों को धनबाद विधानसभा सीट के लिए शॉर्टलिस्ट किया है उसमें अमरेंद्र सिंह का नाम पहला है. अमरेंद्र सिंह केंद्रीय नेताओं के दूर के रिश्तेदार बताये जा रहे हैं. आर्थिक रूप से मजबूत माने जाते हैं. अमरेंद्र सिंह झारखंड बिल्डर एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं. आरएसएस के करीब भी हैं. इनकी दावेदारी को आरएसएस से भी बल मिल रहा है. हाल के दिनों में धनबाद में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है.
चंद्रशेखर अग्रवाल
धनबाद सीट से उम्मीदवारो के पैनल में चंद्रशेखर अग्रवाल का नाम भी शॉर्टलिस्ट किया गया है. सूत्रों के मुताबिक अग्रवाल सीएम रघुवर दास के करीबी माने जाते हैं. हाल के दिनों में ओम माथुर के करीब जाने का जुगाड़ लगा रहे हैं.
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राज सिन्हा
राज सिन्हा भाजपा के सीटिंग विधायक है. इंटरनल सर्वे में राज की स्थिति संतोषजनक नहीं आयी. पार्टी सूत्रों के अनुसार इनकी दावेदारी रडार पर है. राज सिन्हा के बारे में कहा जाता है कि वह किसके साथ हैं और किसके खिलाफ है इसका आकलन कोई नहीं कर सकता. इनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा असीमित है. पार्टी के पैनल में इनका भी नाम रखा गया है.
अरुण राय
अरुण राय ने एबीवीपी से छात्र राजनीति शुरू की थी. आरएसएस कोटे से इनकी दावेदारी की गयी है. धनबाद मेयर में इनकी भूमिका महत्पूर्ण मानी जाती है. अपने टिकट के जुगाड़ में केंद्रीय नेताओं की परिक्रमा कर रहे हैं.
सत्येंद्र सिन्हा
सूत्रों के मुताबिक सीएम से करीबी संबंध बताया जा रहा है. लोकसभा चुनाव में दुमका के प्रभारी रहे हैं. दुमका सीट जीत की वजह से पार्टी में खास स्थान बनाने में सफल हो पाये. पूर्व सांसद वितावा लाल वर्मा के करीबी रह चुके हैं. शिक्षण क्षेत्र से जुड़े हैं. अपने जातीय समीकरण के आधार पर टिकट की दावेदारी कर रहे हैं.
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