
Ranchi : किसान समन्वय संघर्ष समिति झारखंड राज्य परिषद् की बैठक बुधवार को की गयी. जिसमें केंद्र और राज्य सरकार की किसान विरोधी नीतियों का जमकर विरोध किया गया. इस दौरान परिषद् के सदस्यों ने कहा कि पांच विधानसभाओं में भाजपा की हार का मुख्य कारण किसान विरोधी नीति है. चार सालों में केंद्र सरकार ने जिस तरह से किसानों की उपेक्षा की थी, उसी का नतीजा है. बैठक की अध्यक्षता भाकपा राज्य सचिव केडी सिंह ने की. इस दौरान उन्होंने कहा कि 8 और 9 जनवरी को मजदूरों के होने वाले देश व्यापी हड़ताल में झारखंड के किसान समर्थन देंगे. सर्वसम्मित से सदस्यों ने फैसला लिया कि किसान संघर्ष समिति खुलकर मजदूरों के हड़ताल को समर्थन करेगी.
सभी प्रमंडलों में किया जायेगा किसान सम्मेलन
बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि किसान समिति की ओर से हर प्रमंडल में सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा. जिसमें प्रमंडल अंतर्गत आने वाले किसानों की समस्याओं और समाधानों पर चर्चा की जायेगी. साथ ही इस दौरान यह भी निष्कर्ष निकाला जायेगा कि, किसानों को राहत देने के लिये जमीनी स्तर पर क्या क्या प्रावधान होने चाहिए. इसके लिए समिति के सदस्यों को कार्यभार दिया गया है. जिसमें सुजीत, प्रमोद साहू, आरएन सिंह, महेंद्र पाठक, पूरज महतो और पंचानन महतो को कार्यभार दिया गया है.


तानाशाही नहीं, जनता की आवाज सुने सरकार




केडी सिंह ने कहा कि राज्य में हर ओर अराजकता है. भाजपा को जिस तरह पांच विधानसभा क्षेत्रों से हाथ धोना पड़ा. सरकार अपनी नीतियों में सुधार नहीं करती तो आने वाले समय में जनता के फैसलों के लिए तैयार रहना होगा. क्योंकि राज्य में हर ओर असंतोष देखा जा रहा है. पारा शिक्षक, रसोईया कर्मी, राजस्व कर्मी लगातार अपने हितों के लिए प्रयासरत है, लेकिन सरकार अपनी नीतियों में सुधार नहीं कर रही.
ये थे मौजूद
बैठक में यूएन मिश्रा, महेंद्र पाठक, नागेश्वर महतो, भुवनेश्वर केवट, नेमन यादव, आजन सिंह, सुफल महतो, चंद्रिका राम समेत अन्य लोग मौजूद थे.
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