
NewDelhi: एक ओर मोदी सरकार के खिलाफ महागठबंधन की शुरुआत बिहार से हुई. एनडीए छोड़ रालोसपा यूपीए में शामिल हुई. गुरुवार को जीतन राम मांझी, कुशवाहा, तेजस्वी यादव ने राहुल गांधी को अपना नेता मान लिया. इधर इस गठबंधन की बेचैनी एनडीए में भी दिखी. गुरुवार को बीजेपी और एलजेपी के बीच घंटेभर बातचीत हुई. लेकिन रिश्तों में खटास साफ नजर आ रही है. इधर इस तनावपूर्ण रिश्तों के बीच एलजेपी नेता चिराग पासवान ने केंद्र सरकार से नोटबंदी के फायदे पूछे है.
नहीं बनी बात !
सूत्रों ने संकेत दिया कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और वित्त मंत्री अरूण जेटली सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं और लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान तथा उनके बेटे चिराग पासवान के बीच घंटे भर चली बैठक बेनतीजा रही. हालांकि, भाजपा महासचिव एवं बिहार के पार्टी प्रभारी भूपेंद्र यादव ने कहा कि गठबंधन में कोई समस्या नहीं है और यह अक्षुण्ण है. वह भी बैठक में उपस्थित थे. यादव पहले पिता-पुत्र से मिले और फिर वे लोग शाह के आवास पर गए जहां जेटली भी आए थे.
चिराग ने पूछा नोटबंदी से क्या हुआ फायदा
लोजपा सूत्रों ने कहा कि पांच राज्यों में हुए हालिया विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार ने भगवा पार्टी के साथ उसके संबंधों पर फिर से विचार करने की एक वजह दे दी है. सूत्रों ने बताया कि चिराग ने 11 दिसंबर के चुनाव नतीजे आने के बाद जेटली को एक पत्र लिख कर उनसे नोटबंदी के फायदे गिनाने को कहा था. ताकि लोजपा लोगों को इस बारे में विस्तार से बता सकें.
भले ही बीजेपी गठबंधन में किसी तरह की दरार की बात से इनकार कर रही हो. लेकिन मीडिया में दी गई अपनी टिप्पणियों में चिराग ने किसानों और युवाओं के बीच बेचैनी के बारे में बात की है. और राजग के मुश्किल वक्त से गुजरने के बारे में भी ट्वीट किया है. चिराग ने भी सीट बंटवारे की घोषणा में देर होने पर अपनी परेशानी जाहिर की है. और कहा कि इससे राजग को नुकसान हो सकता है.
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