
Ranchi: केंद्रीय आदिवासी मोर्चा की ओर से आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की ने कहा रिम्स में 362 स्टाफ नर्सों के लिए निकाली यी वेकेंसी में आरक्षण का पालन न करना आदिवासियों के साथ राज्य में घोर अत्याचार की ओर इशारा करता है. भाजपा सरकार सोची समझी साजिश के तहत आदिवासियों के रोजगार के आयाम को बंद करने का काम किया जा रहा है. 362 पदों में एक भी आदिवासी समुदाय की सीट न होना आदिवासियों के प्रति राज्य सरकार के नजरिए को दिखाता है.
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आदिवासियों के नुकसान से अवगत करायेगा मोर्चा
केन्द्रीय आदिवासी मोर्चा लोकसभा चुनाव के दौरान गांव-गांव जा कर भाजपा सरकार की नीतियों से आदिवासियों को हो रहे नुकसान से आदिवासी समाज को अवगत करायेगा. राज्य में यदि आदिवासियों का कोई सबसे बड़ा दुश्मन है तो वह भाजपा और भाजपा की सरकार है. वन क्षेत्र में रहनेवाले आदिवासियों को उजाड़ने का काम भी भाजपा सरकार के दौरान ही हुआ. इससे झारखंड के तीस हजार से अधिक आदिवासी परिवारों की आजीविका प्रभावित होगी. मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष अजय टोप्पो ने कहा रिम्स में स्टाफ नर्स के लिए निकाली गई रिक्तियों के विज्ञापन में आदिवासी अरक्षण का रोस्टर का पलान नहीं किया जा रहा है. 9 मार्च को निकाली गई वेकेंसी में 362 पदों में से सामान्य वर्ग के लिए 165, अनुसूचित जाति के लिए 65, पिछड़ा वर्ग एक के लिए 54, पिछड़ा वर्ग 2 के लिए 42 और कमजोर वर्गों के लिए 36 सीट निर्धारित की किया है. लेकिन आदिवासियों के लिए सीट न होना राज्य में लागू आरक्षण रोस्टर को मजाक बनाया जा रहा है. संवादाता सम्मेलन में केंद्रीय आदिवासी मोर्चा के संयोजक सुजीत कुजूर, उपाध्यक्ष राम कुमार नायक, महासचिव अलविनद लकड़ा व सचिव विकास तिर्की मौजूद थे.
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