
Pravin Kumar
Ranchi: हरियाणा के चुनाव नतीजों ने झारखंड में भाजपा को ‘अलर्ट मोड’ में ला दिया है. एनडीए में सीटों को लेकर घमासन होने के असार बढ़ते जा रहे हैं.
एनडीए की सहयोगी आजसू पार्टी किसी भी कीमत पर डबल डिजिट में अपने विधायकों की संख्या पहुंचाना चाहती है. इसके लिए 30 विधानसभा सीटों पर जबरदस्त तैयारी कर रही है.


चूल्हा प्रभारी के माध्यम से आजसू पार्टी हर घर में अपनी पकड़ को मजबूत बनाने में लगी है. कई सीटों पर पार्टी प्रमुख पिछले आठ महीने से पसीना बहा रही है.




पार्टी ने भाजपा नेताओं को लिखित में अपनी दावेदारी वाली सीटों की लिस्ट दे दी है. सूत्रों के मुताबिक आजसू सुप्रीमो यह नहीं चाहते हैं कि दिल्ली में गठबंधन की सीटों का बंटवारा हो.
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हरियाणा और महाराष्ट्र चुनाव परिणाम के बाद आजसू पार्टी नेतृत्व हर कदम फूंक-फूंक कर रख रहा है. सीटों के समझौते को वह लिखित रूप में चाहता है.
2014 में आजसू के तीन नेता दूसरे दल से बने थे विधायक
आजसू पार्टी को अगर कम सीटें (8-10) एनडीए गठबंधन में मिलती हैं तो ऐसे में फिर एक बार आजसू नेताओं की दौड़ दूसरे दलों में शुरू हो जायेगी.
ऐसी स्थिति का सामना 2014 के विधानसभा चुनाव में आजसू को करना पड़ा था. जहां आजसू की सीटिंग सीट हटिया भाजपा के खाते में चले जाने के कारण सीटिंग एमएलए नवीन जायसवाल झारखंड विकास मोर्चा के आश्रय में गये और चुनाव जीते.
वहीं चक्रधरपुर में पार्टी के नेता शशि भूषण सामड भी टिकट के लिए आजसू का दमन छोड़ झारखंड मुक्ति मोर्चा में चले गये और चुनाव जीता.
वहीं गोमिया से भी पार्टी नेता योगेंद्र महतो की सीट भी भाजपा के खाते में चली गयी और योगेंद्र महतो झामुमो के शरण में गये और चुनाव जीते.
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हरियाणा चुनाव परिणाम डरा रहा भाजपा को
एनडीए का सबसे बड़ा घटक दल भाजपा हरियाणा चुनाव परिणाम से सहमा नजर आ रहा है. सूत्रों के मुताबिक अगर आजसू पार्टी अलग चुनाव लड़ती है, तो भाजपा को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
इसलिए भाजपा की अब आजसू मजबूरी बनती नजर आ रही है. हरियाणा चुनाव में भी भाजपा के 10 लोकसभा सीटों पर स्वीप करने के बाद भी जब विधानसभा चुनाव में बहुमत नहीं मिला, तो फिर झारखंड को लेकर भी ‘ आत्मविश्वास’ डगमगाने लगा है.
सूत्रों की मानें तो आजसू को 9 सीट देने की पेशकश की जायेगी. यह संख्या अधिकतम क्या हो सकती है यह आजसू पर निर्भर करता है.
इन सीटों पर आजसू की है दावेदारी
सूत्रों के मुताबिक आजसू पार्टी ने 19 सीटों की दावेदारी भाजपा चुनाव प्रभारी ओम माथुर के समक्ष कर रखी है. जिन सीटों पर आजसू 2014 में चुनाव लड़ी थी, उनमें से एक-दो सीट में फेरबदल हो सकती है.
इन सीटों में सिल्ली, रामगढ़, जुगसलाई, टुंडी, तमाड़, चंदनकियारी, बड़कागांव, लोहरदगा, मांडू, गोमिया, पाकुड़, पांकी, डुमरी, चक्रधरपुर, सिमरिया, सरायकेला, जरमुंडी, सिंदरी, ईचागढ़ शामिल हैं.
आजसू की दावेदारी में बढ़ गयी एक और सीट
हुसैनाबाद विधानसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी के विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता के आजसू में शामिल होने के बाद पार्टी का दावा हुसैनाबाद सीट पर होना स्वाभाविक है.
टिकट की दावेदारी को लेकर क्या कहते हैं पार्टी प्रवक्ता देवशरण भगत
आजसू पार्टी पूरी मजबूती के साथ विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही है. हर हाल में डबल डिजिट में पार्टी के विधायक होंगे.
जहां तक टिकट की बात है तो इसके लिए पंचों के द्वारा तय किया जायेगा. पार्टी अपने स्तर से तैयारी कर रही है. जिन सीटों पर जो पार्टी सीट निकालेगी उसकी ही दावेदारी होनी चाहिए.
क्या भाजपा से अलग होकर पार्टी चुनाव लड़ेगी, इस पर हंसते हुए देवशरण भगत ने कहा कि पार्टी एनडीए का घटक दल है, सीटों का बंटवारा पार्टी के वरीय नेता करेंगे.
किसी भी दो दल के बीच सम्मानजनक सीट के बंटवारे से ही पार्टियों का गठबंधन चल पाता है.
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