
Ranchi : प्रदेश भाजपा ने डाकिया योजना में धांधली का आरोप लगाया है. विधायक नवीन जायसवाल ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आदिम जनजाति समाज को घरों तक अनाज पहुंचाने की डाकिया योजना सवालों के घेरे में है.
प्रखंड स्तरीय डोर स्टेप डिलिवरी के लिए (2020-2022 के लिए) 18 औऱ 19 अक्टूबर, 2020 को अलग अलग जिलों में अखबारों में टेंडर जारी किया गया. टेंडर डालने के लिए अंतिम तिथि 23 अक्टूबर तय है.
टेंडर के लिए कैरेक्टर सर्टिफिकेट, बैंक गारंटी औऱ वाहन कागजात वगैरह तैयार करने में कम से कम 10 दिनों का समय लगता है. 23 अक्टूबर तक के बीच मात्र दो दिनों का ही कार्यदिवस संवेदकों को मिला. ऐसे में डाकिया योजना में टेंडर को लेकर सवाल हैं. सरकार जांच करे.
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कोरोना काल में भी अनाज के संकट का सामना
विधायक नवीन जायसवाल ने आरोप लगाया कि वर्ष 2020 में कोरोना संकट के बीच अनाज वितरण की व्य़वस्था फेल रही. खाद्य आपूर्ति विभाग लोगों के भरोसे पर खरा नहीं उतर सका. केंद्र सरकार ने 9 माह का अनाज राज्य को निःशुल्क उपलब्ध कराया.
पर इसका ढंग से वितरण नहीं हो सका. साल भर में 16 लोग भूख से मारे गये. रघुवर सरकार में महिलाओं को एक सिलेंडर के साथ चूल्हा मिला. साथ ही एक अतिरिक्त सिलेंडर भी दिया गया. पर वर्तमान सरकार इसके आगे की सुविधा बना कर नहीं रख सकी.
लोगों को राशन कार्ड के अभाव में या दूसरे कारणों से भूख का सामना न करना पड़े, इसके लिए पंचायतों को 10-10 हजार रुपये की मदद दी गयी. डीसी को 5-5 लाख की सहायता अलग से दी गयी थी.
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मंत्री ने ही उठाये थे दीदी किचन पर सवाल
मंत्री जगरनाथ महतो ने कोरोना काल में दीदी किचेन के परफॉर्मेंस को सुपर फ्लॉप बताया था. पंचायतों में 4 से 5 हजार लोग रहते हैं. दीदी किचन में 40-50 लोगों को ही खाना नसीब हो रहा था. इसी तरह थाना के जरिये लोगों को खाना खिलाये जाने का प्रयास हुआ.
पर थानों को इसके लिए पैसे ही आवंटित नहीं किये गये थे. सरकार की ऐसी लापरवाहियों से ही भूख से गरीब, दलित लोगों की जान गयी.
झामुमो ने अपने घोषणा पत्र में गरीब लोगों को 2000 रुपये चूल्हा भत्ता देने की बात कही थी, पर लोगों के चूल्हे जल ही नहीं पा रहे. धान क्रय केंद्रों को प्रोत्साहित करने के बजाए बिचौलियों के हाथों किसानों को धान बेचने को इस सरकार ने विवश किया है.
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