
Patna: आज बिहार दिवस (Bihar Day) है. 22 मार्च 1912 को संयुक्त प्रांत से अलग होकर स्वतंत्र बिहार राज्य का गठन हुआ था. इस तरह बिहार 109 वर्षों का हो गया. बिहार के मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सत्ता में आने के बाद 22 मार्च को बिहार दिवस मानने की परंपरा शुरू की है. तब से हर वर्ष बिहार दिवस धूमधाम से मानाया जाता है. हालांकि, कतिपय कारणों से पिछले कुछ वर्षों से समारोह का रंग फीका रहा है. इस बार भी कोरोना की वजह से समारोह का आयोजन सांकेतिक ही किया जा रहा है.
2008 से हुआ समारोह की शुरुआत
2005 में नीतीश कुमार के सत्ता संभालने के बाद बिहार दिवस मनाने की रूपरेखा तय हुई. 2008 में पटना स्थित श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल पहली बार समारोह मनाया गया. 2009 में आयोजन को विस्तार मिला. 2009 से राज्यभर में आयोजन हुआ. पटना के गांधी मैदान में तीन दिवसीय मुख्य समारोह तभी आरंभ हुआ. 2012 में कवि सत्यनारायण रचित बिहार का राज्यगीत तैयार हुआ-‘मेरे भारत के कंठहार, तुमको शत-शत वंदन बिहार’…. इसके बाद लगातार कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है.
तीन वर्षों से फीका पड़ा समारोह का रंग
2008 से 22 मार्च को समारोह पूर्वक बिहार दिवस मनाने का सिलसिला 2018 तक बखूबी चला. बिहार के लोगों ने उत्साह के साथ समारोह में भाग लिया, लेकिन पिछले तीन वर्षों का समारोह का रंग फीका पड़ रहा है. 2020 और 2021 में समारोह का रंग कोरोना की वजह से फीका है. इससे पहले 2019 में 22 मार्च को होलिका दहन और 23 मार्च को होली होने की वजह से समारोह की रस्म अदायगी भर हुई.
सांकेतिक समारोह में सीएम का संबोधन
आज 11 बजे दो घंटे के लिये समारोह का आयोजन किया जा रहा है. पटना स्थित ज्ञान भवन में मुख्य समारोह का आयोजन है. 200 लोगों को इंट्री दी गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य की जनता को संबोधित करेंगे. इस बार बिहार दिवस की थीम जल-जीवन-हरियाली है.