
New Delhi : छोटे कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में रहनेवाले लोगों के लिए अपने क्षेत्र में सड़क बनवाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है. दर्जनों बार जनप्रतिनिधियों और सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते हैं. वहीं दूसरी तरफ नौकरशाहों और बड़े लोग अपने लिए सारे नियम कानून को ताक में रख कर आसानी से काम करा लेते हैं.
इसे भी पढ़ें : रामनवमी के जुलूस के रास्ते में पड़ने वाले मकानों के छतों पर ईंट, पत्थर, शीशी रखने पर मकान मालिक के खिलाफ होगा लीगल एक्शन
दिल्ली के लोदी रोड इलाके में बनायी सड़क


ताजा मामला देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) का है. यहां लोदी रोड इलाके में अजीबोगरीब मामला सामने आया है. जहां पर एक नौकरशाह (Bureaucrat) के बेटे की रिसेप्शन के लिए दक्षिणी नगर निगम (SDMC) ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर अगले 4 दिन में करोड़ों रुपये खर्च कर नई सड़क (Road Built) बनवा दी है.




इसे भी पढ़ें : दरिंदगी की हद पार : बेटे ने मां के हाथ पैर बांधे, ब्लेड से स्तन काटे, बांया पैर जलाया, बेरहमी से की हत्या, जानें क्या है वजह
दिल्ली सरकार, जल बोर्ड व नगर निगम से मांगा जवाब
वहीं, इसके साथ ही बाजार व रिहायशी इलाके में सड़क की जर्जर हालात पर अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे. ऐसे में दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने इस आरोप पर दिल्ली सरकार, जल बोर्ड व नगर निगम को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
दरअसल, इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस नवीन चावला की खंड़ पीठ ने संबंधित पक्षों को दो हफ्तों के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. इतना ही नहीं इस दौरान कोर्ट ने नगर निगम को सड़क का निरीक्षण कर जल्द से जल्द सड़क बनाने का भी निर्देश दिया है. इस दौरान कोर्ट ने यह निर्देश समाज सेवक मंजीत सिंह चुग की ओर से दायर की जनहित याचिका (PIL) पर दिया है.
इसे भी पढ़ें : Jharkhand NEWS : होरहाप फील्ड फायरिंग रेंज को मिलेगा 20 वर्षों का एक्सटेंशन, सरकार ने ग्रामीणों से मांगी आपत्ति, देखें VIDEO
जर्जर सड़क का निर्माण करने की मांग
वहीं, याचिकाकर्ता ने दिल्ली हाई कोर्ट में कोटला मुबारकपुर स्थित गुरुद्वारा रोड मार्केट की जर्जर सड़क का निर्माण करने की मांग को लेकर दिल्ली सरकार व निगम को निर्देश देने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि कोटला मुबारक पुर स्थित उस मार्केट की डेढ़ किलोमीटर सड़क लंबे समय से जर्जर हालत में है.
जहां पर इस मार्केट में एक हजार से ज्यादा दुकानें और इसके अलावा स्थानीय नागरिक भी रहते हैं. ऐसे में स्थिति यह है कि सरकार को टैक्स अदा करने वाले बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है.
इसे भी पढ़ें : औरंगाबाद में रामनवमी को लेकर 70 वांटेड किये गये जिला बदर , दो हजार संदिग्धों को नोटिस