
New Delhi : महंगाई की मार से जनता पहले ही परेशान है और अब हवाई सफर फिर से महंगा होने जा रहा है. सरकार ने एक जून 2021 से घरेलू हवाई किराए में बढ़ोतरी का फैसला किया है. सरकार ने हवाई किराए की निचली सीमा में 13 से 16 फीसदी बढ़ोतरी की है.
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इसलिए की गई बढ़ोतरी

दरअसल देश में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से हवाई यात्रियों की संख्या में भारी कमी आई है. इससे एयरलाइन कंपनियों की आय काफी कम हुई है. ऐसे में विमानन कंपनियों की मदद के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है. हालांकि, हवाई किराए की ऊंची सीमा को पूर्ववत रखा गया है.


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यात्रा के समय पर आधारित हैं 7 प्राइस बैंड
हवाई उड़ान अवधि के आधार पर हवाई यात्रा किराए की निचली और ऊंची सीमा तय की गई है. मई 2020 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने घरेलू विमानों को सात श्रेणियों में बांट दिया था. ये सात प्राइस बैंड यात्रा के समय पर आधारित हैं. इसके तहत 40 मिनट तक की यात्रा, 40-60 मिनट, 60-90 मिनट, 90-120 मिनट, 120-150 मिनट, 150-180 मिनट, 180-210 मिनट की यात्रा अवधि के आधार पर किराए तय किए गए थे.
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अब नया प्राइस बैंड ये होगा:
- 40 मिनट तक की यात्रा के लिए प्राइस बैंड 2600 से 7800 रुपये है.
- 40 से 60 मिनट तक की यात्रा के लिए प्राइस बैंड 3300 से 7800 रुपये है.
- 60 से 90 मिनट तक की यात्रा के लिए प्राइस बैंड 4000 से 11700 रुपये है.
- 90 से 120 मिनट तक की यात्रा के लिए प्राइस बैंड 4700 से 13000 रुपये है.
- 120 से 150 मिनट तक की यात्रा के लिए प्राइस बैंड 6100 से 16900 रुपये है.
- 150 से 180 मिनट तक की यात्रा के लिए प्राइस बैंड 7400 से 20400 रुपये है.
- 180 से 210 मिनट तक की यात्रा के लिए प्राइस बैंड 8700 से 24200 रुपये है.
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अप्रैल में भी महंगा हुआ था किराया
अप्रैल 2021 से सरकार ने विमान यात्रियों से अधिक विमानन सुरक्षा शुल्क (एएसएफ) वसूलने का फैसला लिया था. नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए विमानन सुरक्षा शुल्क में क्रमश: 40 रुपये और 114.38 रुपये का इजाफा किया था. एक अप्रैल से घरेलू यात्रियों के लिए विमानन सुरक्षा शुल्क 200 रुपये हो गया. जबकि पहले यह 160 रुपये था.
मालूम हो कि विमानन कंपनियां टिकट की बुकिंग के वक्त एएसएफ वसूल कर सरकार को जमा कराती हैं. इस राशि का इस्तेमाल पूरे देश के हवाईअड्डों की सुरक्षा व्यवस्था पर किया जाता है.
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