
Kolkata: पश्चिम बंगाल के विभिन्न तबके के बुद्धिजीवियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी लिख कर मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर रोक लगाने की मांग की है. समाजसेवी, फिल्म निर्माता, शोधकर्ता, इतिहासकार, अभिनेता, गायक समेत विभिन्न लोगों ने चिट्ठी लिखी है, जिसमें दावा किया गया है कि वर्तमान शासन में देशभर में अल्पसंख्यकों, दलितों और अन्य समुदाय के लोगों पर हमले बढ़ गये हैं. उन्हें जगह-जगह प्रताड़ित किया जा रहा है. इसे रोका जाना चाहिए.
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संविधान की मूल भावना के खिलाफ है
अपनी चिट्ठी में बुद्धिजीवियों ने कहा है कि यह संविधान की मूल भावना के खिलाफ है कि किसी को उसकी जाति, धर्म या समुदाय की वजह से हिंसा का शिकार होना पड़े. साथ ही बुद्धिजीवियों ने अपनी चिट्ठी में जय श्रीराम के नारे का भी जिक्र किया है. इन लोगों ने दावा किया है कि यह नारा कथित तौर पर हिंसा का जरिया बन चुका है. इसे तत्काल रोकने की जरूरत है. उल्लेखनीय है कि इसके पहले पश्चिम बंगाल से नोबेल पुरस्कार पाने वाले अमर्त्य सेन ने भी जय श्री राम को लेकर इसी तरह की बातें की थीं, जिसकी चौतरफा आलोचना हुई थी.
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