
NewDelhi : खबर है कि भारतीय बाजारों में बिक रहे शहद के सभी ब्रांड में शुगर सिरप की मिलावट हो रही है. यह खुलासा सेंटर फार साइंस एंड एनवायरमेंट(CSE) ने किया है. सीएसई की महानिदेशक सुनीता नारायण ने यह जानकारी दी है. उन्होंने कहा, सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट ने देश में बिकने वाले 13 प्रमुख ब्रांड के शहद को मिलावट टेस्ट के लिए जर्मनी भेजा था. भारत में यह सभी शहद के ब्रांड मिलावट टेस्ट में खरे पाये गये, लेकिन जर्मनी में यह सभी फेल हो गये.
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शुद्धता मापने वाले न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजोनेंस (NMR) टेस्ट में फेल
इन कंपनियों के शहद में 77 फीसदी तक मिलावट पायी गयी. शहद के 22 सैंपल्स चेक किये गये, इनमें सिर्फ पांच ही जांच में सफल करार दिये गये. स्टडी में कहा गया है कि डाबर, पतंजलि, बैद्यनाथ, झंडू, हितकारी और एपिस हिमालय जैसी कंपनियों के शहद शुद्धता मापने वाले न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजोनेंस (NMR) टेस्ट में फेल हो गये.
CSE की महानिदेशक सुनीता नारायण ने कहा है कि 2003 और 2006 में सॉफ्ट ड्रिंक में जांच के दौरान जो मिलावट पायी गयी थी, उससे भी खतरनाक मिलावट शहद में हो रही है. यह मिलावट हमारे स्वास्थ्य को और नुकसान पहुंचाने वाली है. बताया कि जिन 13 बड़े ब्रांड्स की जांच हुई, उनमें 10 एनएमआर टेस्ट में फेल हुए.
इन 10 में भी 3 तो भारतीय मानकों के अनुरुप नहीं थे. बताया गया है कि भारत से निर्यात किये जाने वाले शहद के लिए 1 अगस्त से ही एनएमआर टेस्ट अनिवार्य किया गया था, जबकि टीएमआर टेस्ट को अक्टूबर 2019 को ही क्वालिटी पैरामीटर्स से हटा दिया गया था.
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हम भारत में ही प्राकृतिक तौर पर मिलने वाला शहद इकट्ठा करते हैं और बेचते हैं
हालांकि डाबर और पतंजलि ने इस जांच पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि इस जांच का मकसद हमारे ब्रांड्स की छवि खराब करना है और यह प्रायोजित लगती है. इन कंपनियों का दावा है कि हम भारत में ही प्राकृतिक तौर पर मिलने वाला शहद इकट्ठा करते हैं और उसी को बेचते हैं.
कंपनियों के अनुसार शहद में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी (FSSAI) के नियमों और मानकों का पूरा ध्यान रखा गया है. डाबर के प्रवक्ता कहना है कि हमारा शहद 100 फीसदी शुद्ध है और जर्मनी में हुए एनएमआर टेस्ट में यह पास था. कहा कि हम FSSAI के 22 मानकों को पूरा करते हैं. हाल में जो रिपोर्ट सामने आयी हैं, वो प्रायोजित लगती हैं.
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आचार्य बालकृष्ण ने कहा, हम 100 फीसदी प्राकृतिक शहद बनाते हैं
पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि हम 100 फीसदी प्राकृतिक शहद बनाते हैं. यह भारत के प्राकृतिक शहद बनाने वाली इंडस्ट्री को बदनाम करने की साजिश है, ताकि प्रोसेस्ड शहद को प्रमोट किया जा सके. इसी क्रम में झंडु ब्रांड का मालिकाना हक वाली कंपनी इमामी ने भी कहा कि वह FSSAI के सभी मानकों का पालन करती है.
जान लें कि FSSAI ने पिछले साल आयातकों और राज्यों के खाद्य आयुक्तों को बताया था कि देश में आयात किया जा रहे गोल्डन सिरप, इनवर्ट शुगर सिरप और राइस सिरप का इस्तेमाल शहद में मिलावट के लिए किया जा रहा है. CSE की टीम ने जब इसकी पड़ताल की तो पता चला कि FSSAI ने जिन चीजों की मिलावट की बात कही थी, उस नाम से उत्पाद आयात नहीं किए जाते. चीन की कंपनियां इस सिरप को यहां भेजती हैं.