
New Delhi: जुलाई 2021 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय लखनऊ के अधिवक्ता अशोक पांडे ने वकीलों के लिए मौजूदा ड्रेस कोड पर सवाल उठाते हुए उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की थी. बीते गुरुवार को बार काउंसिल ऑफ इंडिया से उनकी याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल किया. हलफनामे में बीसीआई के सचिव श्रीमंतो सेन ने कहा कि नियामक संस्था ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाने का फैसला किया है. विदित हो कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया वकीलों के लिए देश की सर्वोच्च नियामक संस्था है. याचिकाकर्ता ने कहा है कि बैंड एक ईसाई प्रतीक है और इसे बंद कर दिया जाना चाहिए. उनके कथन के अनुसार गैर-ईसाईयों को इसे पहनने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता. साथ ही “उन्होंने कोट और गाउन पहनने पर भी सवाल उठाया है. परिणामस्वरूप, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष, विस्तृत विचार-विमर्श करने और परिषद को रिपोर्ट करने के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाई हैं.

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