
Jamshedpur : बागबेड़ा समेत आसपास के लोगों को पेजयल की समस्या से निजात दिलाने के लिए बनी जलापूर्ति योजना लाख प्रयासों के बाद भी धरातल पर नहीं उतर पायी है. इस योजना को पूरा करने की मांग को लेकर क्षेत्र की बागबेड़ा महानगर विकास समिति एवं संपूर्ण घाघीडीह विकास समिति जैसी सामाजिक संस्थाएं वर्षों से सक्रिय रही हैं. अब तक समिति की ओर से 417 बार धरना प्रदर्शन और भूख हड़ताल करने के अलावा 6 बार विधानसभा का घेराव और दो बार राजभवन का घेराव किया जा चुका है. इस दौरान जलापूर्ति योजना को पूरा करने के साथ बागबेड़ा के लाल बिल्डिंग से घाघीडीह जेल तक सड़क के निर्माण की मांग भी लगातार उठती रही है. इसे लेकर हाल ही में समिति के बैनर तले जमशेदपुर से रांची पदयात्रा कर विधानसभा का घेराव भी किया गया था. बावजूद इसके आश्वासन के अलावा अब तक कुछ नहीं मिला है.
आरोपों के घेरे में पेयजल स्वच्छता विभाग के अधिकारी
इसे लेकर बागबेड़ा महानगर विकास समिति एवं संपूर्ण घाघीडीह विकास समिति के पदाधिकारियों के आरोपों के घेरे में फिलहाल पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारी हैं. बागबेड़ा महानगर विकास समिति के अध्यक्ष सुबोध झा का कहना है कि 21 मार्च को जमशेदपुर से दिल्ली की पदयात्रा करने की तैयारी थी ताकि बागबेड़ा जलापूर्ति योजना और सड़क निर्माण की मांग को लेकर आवाज बुलंद किया जा सके. हालांकि, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अभियंता प्रमुख रघुनंदन शर्मा के निर्देश पर बुंडु पहुंचने पर पदयात्रा में शामिल लोगों को रोक लिया गया. उस दौरान विभाग के चीफ इंजीनियर सुरेश प्रसाद ने मांगे पूरी करने का लिखित आश्वासन भी दिया था. फिर भी उनकी मांगों को पूरा करने की दिशा में अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है.
अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी तैयारी
इसके खिलाफ समिति के पदाधिकारी अब इन अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की करने की भी तैयारी करने लगे हैं. इसे लेकर विभिन्न क्षेत्रों में समिति से जुड़े लोगों की बैठकों का भी दौर चल रहा है ताकि जनहित से जुड़े इन दोनों मामलों में आर-पार की लड़ाई लड़ी जा सके.


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