
Ranchi: भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार से श्रमिक आयोग के गठन की मांग की है. सीएम हेमंत सोरेन को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि वापस लौटे श्रमिकों का जिलावार डाटा बने.
उनके हुनर के हिसाब से उनके लिए रोजगार सृजन का प्रयास किया जाए. पारंगत मजदूरों की ग्रेडिंग भी करायी जा सकती है. जरूरत पड़े तो सरकार प्रशिक्षण देकर इन सबों को और दक्ष बना सकती है. आयोग के जरिये इस दिशा में पहल की जानी चाहिये.
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मजदूर हैं महत्वपूर्ण संसाधन




बाबूलाल के अनुसार वैश्विक महामारी कोरोना के रूप में एक बड़ी चुनौती बनकर आई है. इस महामारी ने सालों-साल से चली आ रही आर्थिक व रोजगार व्यवस्था के ढांचे को पूरी तरह अस्त-व्यस्त करके रख दिया है. झारखंड में वापस लौट रहे मजदूरों को राज्य में ही रोजगार उपलब्ध कराना और उनका पलायन रोकना भी एक चुनौती है. मजदूर किसी भी प्रदेश के महत्वपूर्ण संसाधन होते हैं. ऐसे में उनकी दक्षता को देखते हुए रोजगार सृजन की योजना बनानी चाहिये.
यूपी ने श्रमिकों के लिए की है पहल
बाबूलाल ने कहा कि झारखंड के प्रवासी मजदूरों की संख्या 10 लाख से अधिक है. अभी तक इनकी संख्या का सही आकलन नहीं हो पाया है. अभी सरकार और दलों को प्रवासी मजदूरों के हित को प्राथमिकता देनी चाहिए.
उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना संकट में मजदूरों के लिए श्रमिक आयोग के गठन का निर्णय लिया है. यूपी सरकार मजदूरों को अपने प्रदेश में ही रोजगार मुहैया कराने, बीमा कवर देने सहित सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देने की दिशा में भी काम कर रही है. प्रवासी मजदूरों के हित में उठाया गया यह महत्वपूर्ण कदम है. झारखंड सरकार को भी इसी तर्ज पर झारखंड श्रमिक आयोग का गठन करना चाहिए.