
Ranchi : आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन जैसी फ्लैगशिप योजना का लाभ उठाने में झारखंड के लोग भी रुचि दिखा रहे हैं. इसका उद्देश्य देशभर में स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल बनाना है. इस स्कीम का शुभारंभ पीएम मोदी द्वारा 27 सितंबर 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया गया था. इसके बाद से झारखंड में 20 लाख से अधिक लोगों का आयुष्मान डिजिटल हेल्थ कार्ड बनाया जा चुका है. अब तक राज्य में 21,91,333 नागरिकों को हेल्थ आईडी जारी किया गया है. 25 नवंबर, 2021 तक झारखंड सहित देश में कुल 14,02,02,330 हेल्थ आईडी बनाया जा चुका है. आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत इसी अवधि तक 12,128 स्वास्थ्य केंद्रों को रजिस्टर किया जा चुका है.
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यूनिक हेल्थ ID ऐसे करेगी काम
आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन का मकसद देश में स्वास्थ्य सेवाओं का डिजिटलीकरण है. इसमें हर भारतीय नागरिक की एक यूनिक हेल्थ ID बनाई जाएगी. इससे एक देशव्यापी डिजिटल हेल्थ ईको-सिस्टम तैयार किया जा सकेगा.यूजर के मेडिकल रिकॉर्ड से जुड़ी तमाम जानकारी इसमें दर्ज की जानी है. यहां तक कि यह भी कि पिछली बार उस पर किस दवा का क्या असर हुआ था और क्या नहीं, इसकी भी जानकारी रहेगी. यदि कोई डॉक्टर मरीज की दवा बदलता है तो उसका कारण भी इस जानकारियों में जुड़ा होगा. इससे डॉक्टर को अपने मरीजों के इलाज में काफी सहूलियत होगी और मरीज को भी सही इलाज मुहैया होगा.
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हेल्थ कार्ड के जरिए स्वास्थ्य से संबंधित सारी जानकारी डिजिटल फॉर्मेट में जुड़ती जाएंगी. इससे उपयोगकर्ता की एक ”मेडिकल हिस्ट्री” तैयार हो जाएगी. ऐसे में जब कभी हेल्थ कार्ड यूजर किसी अस्पताल में इलाज कराने जाएंगा, तो उसके सारे पुराने रिकॉर्ड, डिजिटल फॉर्मेट में मिल जाएंगे. इतना ही नहीं, अगर लाभुक किसी दूसरे शहर के अस्पताल भी जायेगा तो वहां भी यूनिक कार्ड के जरिए डेटा देखा जा सकेगा. इससे डॉक्टरों को इलाज में आसानी होगी. साथ ही कई नई रिपोर्ट्स या प्रारंभिक जांच आदि में लगने वाला समय और खर्च बच जाएगा.
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किस राज्य में क्या है स्थिति
चतरा सांसद सुनील कुमार सिंह सहित अन्य सांसदों ने लोकसभा के शीतकालीन सत्र में आयुष्मान हेल्थ कार्ड के संबंध में जानकारी मांगी थी. इसमें स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देशवासियों को अब एक डिजिटल हेल्थ आईडी दी जा रही है. इसमें हर नागरिक का हेल्थ रिकॉर्ड डिजिटली सुरक्षित रहेगा. साथ ही यह लोगों की मेडिकल हिस्ट्री सुरक्षित रखने में भी कारगर साबित होगा.
राज्य | हेल्थ आईडी सं |
अंडमान व निकोबार द्वीप समूह | 2,66,600 |
आंध्र प्रदेश | 12,62,600 |
अरुणाचल प्रदेश | 1,35,664 |
असम | 5,14,731 |
बिहार | 91,02,865 |
चंडीगढ़ | 4,31,813 |
छत्तीसगढ़ | 11,86,046 |
दिल्ली | 6,13,360 |
गोवा | 2,66,683 |
गुजरात | 19,46,523 |
हरियाणा | 17,37,106 |
हिमाचल प्रदेश | 13,12,103 |
जम्मू और कश्मीर | 3,90,466 |
झारखंड | 21,91,333 |
कर्नाटक | 13,46,398 |
केरल | 88,39,746 |
लद्दाख | 96,476 |
लक्षद्वीप | 61,564 |
मध्य प्रदेश | 46,49,542 |
महाराष्ट्र | 91,39,480 |
मणिपुर | 3,14,723 |
मेघालय | 1,02,088 |
मिजोरम | 1,32,347 |
नगालैंड | 2,00,248 |
ओड़िसा | 80,29,735 |
पुडूचेरी | 5,63,259 |
पंजाब | 8,52,367 |
राजस्थान | 34,11,773 |
सिक्किम | 661 |
तमिलनाडु | 15,12,860 |
तेलंगाना | 13,36,092 |
दादर और नगर हवेली और दमन और दीव | 4,71,805 |
त्रिपुरा | 2,83,311 |
उत्तर प्रदेश | 79,17,748 |
उत्तराखंड | 13,64,960 |
पश्चिम बंगाल | 56,49,430 |
इसके अलावा अलग अलग राज्यों से 6,25,67,504 लोगों का डाटा आने की उम्मीद है. इसके लिये केंद्र की ओर से प्रतीक्षा की जा रही है.
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