
Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सिविल अदालत परिसर में गुरुवार दिनदहाड़े अज्ञात हमलावरों ने एक अधिवक्ता पर बम से हमला कर दिया. इस मामले में बार एसोसिएशन महामंत्री समेत 17 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि कुछ लोगों ने लखनऊ बार एसोसिएशन के संयुक्त सचिव संजीव लोधी पर सिविल कोर्ट परिसर में बमों से हमला किया और उनमें से एक बम फटा जबकि बाकी दो में धमाका नहीं हुआ. इस घटना में लोधी समेत तीन अधिवक्ताओं को चोटें आई हैं.
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बार एसोसिएशन के महामंत्री समेत 17 पर केस




प्रदेश के अदालत परिसरों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ी करती इस एक और वारदात के मामले में लखनऊ बार एसोसिएशन के महामंत्री जीतू यादव समेत सात नामजद तथा 10 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. हालांकि अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है.
लोधी ने बताया कि उन्होंने कुछ न्यायिक अधिकारियों की उच्चाधिकारियों से शिकायत की थी. इसे लेकर लखनऊ बार एसोसिएशन के महामंत्री जीतू यादव, सुधीर यादव और अन्नू यादव उन्हें शिकायत वापस लेने की धमकी दे रहे थे. ये लोग उन न्यायिक अधिकारियों के करीबी हैं.
लोधी का आरोप है कि गुरुवार को एजाज और आजम तथा करीब 10 अन्य लोग आये और उन पर सुतली बम से हमला कर दिया. उनमें से एक बम फटा. बाकी दो में धमाका नहीं हो पाया. वारदात के बाद हमलावर असलहा लहराते हुए भाग गये.
उन्होंने बताया कि उनके साथ-साथ वकील श्यामसुंदर और प्रमोद लोधी को भी मामूली चोटें आयी हैं.
हमले के बाद हुआ था हंगामा
लखनऊ बार एसोसिएशन के पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष जेपी सिंह ने बताया कि बम कांड के दोषी लोगों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर वकीलों ने कचहरी के बाहर मुख्य मार्ग पर रास्ता जाम कर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया. बाद में अधिकारियों के समझाने बुझाने पर प्रदर्शन समाप्त हुआ. हालांकि सभी वकीलों ने कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है.
वारदात के बाद पैदा सूरतेहाल के मद्देनजर पूरे कचहरी परिसर में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.
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लखनऊ बार एसोसिएशन समेत विभिन्न अधिवक्ता संगठनों ने इस वारदात की कड़ी निंदा करते हुए. दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.
घटना के बाद सेंट्रल बार एसोसिएशन, लखनऊ के महासचिव संजीव पांडे ने लखनऊ के पुलिस आयुक्त सुजीत पांडे को पत्र लिखा. जिसमें कहा गया कि परंपरा यह रही है कि कचहरी के अधिवक्ताओं की सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर जिले के पुलिस कप्तान और बाहर के कार्यकर्ताओं के बीच औपचारिक मुलाकात होती है.
दुर्भाग्यवश बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने पुलिस अफसरों के माध्यम से आपसे मुलाकात की कोशिश की गई, लेकिन आपने समय नहीं दिया.
उन्होंने कहा कि अदालत परिसर में विस्फोटक सामग्री अंदर लाई जा रही है. यह चिंता का विषय है. कोई अप्रिय घटना होने पर आपकी सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से जिम्मेदार होगी.
कोर्ट कैंपस में बढ़ी वारदातें
प्रदेश के अदालत परिसरों में हमले की घटनाएं हाल में बढ़ी हैं. गत 17 दिसम्बर को बिजनौर की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की भरी अदालत में बदमाशों ने गोलीबारी करके एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी और दो पुलिसकर्मियों को घायल कर दिया था.
इसके पूर्व, सात जनवरी को लखनऊ में वकील शेखर त्रिपाठी को कुछ लोगों ने लाठी-डंडों से पीट-पीटकर मार डाला था.
इस बीच, कांग्रेस महासचिव और पार्टी की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस वारदात को लेकर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को घेरा है.
उन्होंने ट्वीट कर कहा “उत्तर प्रदेश सरकार को अब साफ-साफ कह देना चाहिए कि उसने तीन साल तक जनता से झूठ बोला. असल में प्रदेश में अपराधियों का बोलबाला है. राजधानी में कचहरी में वकीलों पर बम से हमले हो रहे हैं. राजधानी से लेकर सुदूर क्षेत्र तक कोई सुरक्षित नहीं है. क्या व्यवस्था है ये?”
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