
Ranchi : राज्य का नया प्रतीक चिन्ह अब झारखंडवासियों के सामने आ गया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन, मंत्रिमंडल के सदस्यों सहित कई गणमान्य लोगों की उपस्थित में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने इस नये प्रतीक चिंह्र का अनावरण किया. चक्राकार आकार वाले इस नये प्रतीक चिन्ह के अनावरण के बाद सीएम ने इसकी विशेषताओं का भी जिक्र किया.
Slide content
Slide content
हेमंत ने कहा कि सरकार ने इस प्रतीक चिन्ह में राज्य की संस्कृति, जीवन-शैली, पर्यावरण सहित राज्य की ताकत और खुबसूरती को दिखाने का हरसंभव प्रयास किया है. नया प्रतीक चिन्ह चौकोर नहीं होकर वृत्ताकार बनाया गया है. यानि यह गोल होगा. यह चिन्ह राज्य के विकास के प्रतीक का सूचक है. सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि जिस तरह से एक पहिया लगातार घूमते हुए आगे बढ़ता है, उसी तरह से झारखंड भी लगातार विकास के पथ पर आगे बढ़ता रहेगा.
इसे भी पढ़ें –CoronaImpact : कोचिंग संचालकों के सामने बढ़ने लगी चुनौतियां, एसोसिएशन ने भाजपा से मांगी मदद
स्वतंत्रता दिवस की दी बधाई
प्रतीक चिन्ह के अनावरण के बाद सीएम हेमंत सोरेन ने 74वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर पूरे देशवासियों को शुभकामनाएं और बधाई दी. उन्होंने कहा कि देश को आजाद कराने में हजारों देशभक्तों ने अपने प्राण गवाये हैं. झारखंड के भूमिपूत्रों ने भी इस आजादी को पाने के लिए लंबा संघर्ष किया.
इस दौरान उन्होंने तिलका मांझी, बिरसा मुंडा सिद्द-कान्हू सहित कई शहीदों को याद किया. उन्होंने कहा कि पूर्व के राज्य चिन्ह जो बदलाव किये गये हैं, वह अब सबके सामने है. इस नये चक्राकर चिन्ह में राज्य की संस्कृति, समृद्धि सहित राज्य के हर कोने की परंपरा को देखा जा सकता है.
यह प्रतीक चिन्ह राज्य की एक ऐसी पहचान कही जा सकती है, जिसको देखने के बाद राज्यवासी अपने आप को गौरवान्वित महसूस करेंगे. इससे पूर्व के चिन्ह में गौरव महसूस करने का थोड़ा अभाव था. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने कई बुद्जीवी लोगों से विचार-विमर्श किया. और उनके सुझाव सुनने के बाद ही नये प्रतीक चिन्ह को स्वीकार किया.
प्रतीक चिन्ह की विशेषताओं का सीएम ने किया जिक्र
सीएम हेमंत ने नये प्रतीक चिन्ह की विशेषताओं को बताते हुए कहा कि इसमें हरा रंग प्रकृति का सूचक है. यह झारखंड की हरियाली का प्रतीक है. झारखंड वनों का प्रदेश है. हरा रंग खुशहाली, समृद्धि और बेहतर पर्यावरण का प्रतीक है.
नये चिन्ह में लाल पलाश के सुंदर फूल का उपयोग किया गया है. यह फूल राज्य का राजकीय फूल भी है. लाल रंग आग और क्रांति का प्रतीक है. यह रंग बताता है कि झारखंड के लोगों में संघर्ष करने का अद्भूत क्षमता है.
पलाश के फूल के नीचे का हिस्सा थोड़ा काला है. यह बताता है कि झारखंड की धरती के नीचे छिपे बहुमूल्य खनिज संपदा का सूचक है.
नये राजकीय चिन्ह को हाथी को दिखाया गया है. हाथी को शुभ माना जाता है. यह ताकत का प्रतीक है. इससे राज्य की ताकत को दिखाने का प्रयास किया गया है. यह राज्य का राजकीय पशु भी है. अपार ताकत होने के बावजूद हाथी अनुशासित भी होता है. यह तबतक लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाता है, जबतक उसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं करे.
राज्य के लोगों भी हाथी की तरह अनुशासित होते हैं. वे किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. लेकिन जब इनके साथ कोई अन्याय करता है, तो वे संघर्ष करने से भी नहीं चूकते हैं.
राज्य के नये प्रतीक चिन्ह में राज्य के मजदूरों, किसानों, यहां के सामूहिक नृत्य शैली को भी शामिल किया गया है. सीएम ने कहा है कि नया प्रतीक चिन्ह हमारे संस्कृति को रेखांकित करता है. यह हमारे अस्मिता का घोतक है. यह हमारे चेतना का प्रतीक है. राज्य के प्राकृतिक परिवेश, यहां के लोगों के परिवेश को समेटे हुए यह प्रतीक चिन्ह हमारी पहचान है.
इसे भी पढ़ें – Corona Effect-2: मेंटेनेंस से लेकर ब्यूटी उत्पादों की एक्सपायरी का लाॅस झेल रहे पार्लर
Very good article! We are linking to this particularly great content on our site. Keep up the great writing.
I always spent my half an hour to read this web site’s articles or reviews daily along with a mug of coffee.
Thanks so much for the blog post.
Like!! Thank you for publishing this awesome article.