
Girish Malviya
एक भविष्यवाणी कर रहा हूं. कुछ ही दिनों में ऐसा होने जा रहा है कि आप यदि एप्वाइंटमेंट के लिए अपने फैमिली डॉक्टर को फोन करेंगे, तो वह आप पर दबाव डालेगा कि आप एक एप्प डाउनलोड करें और यदि आप एप्प को डाउनलोड करते हैं, तो पहले ही आपसे फीस के पैसे ऑनलाइन मांगे जाएंगे.
यदि आप पहले पैसे देते हैं, उसके बाद ही आपको डॉक्टर से ऑनलाइन परामर्श वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दिलवाया जाएगा.
पर खेल इतने पर खत्म नहीं होगा, आपको डॉक्टर द्वारा दिये गये प्रिस्क्रिप्शन की दवाइयां भी विदेशी फार्मा कम्पनियों से जुड़ी एप्प को डायरेक्ट भेज दी जाएगी और आपके घर में दवाइयां सीधे डिलेवर हो जाएगी बशर्ते आप उनके पैसे चुका दे.
यह सब इसलिए होगा, क्योंकि यही तो असली खेल है. दुनिया के सबसे बड़े डॉक्टर कहे जाने वाले बिल गेट्स का.
आपको ‘टेलीमेडिसिन’ लेने पर मजबूर कर देगी. आरोग्यसेतु एप्प जिसके बहुत से उद्देश्यों में यह भी एक उद्देश्य है. दरअसल इस एप्प से जुड़ी जो आरोग्यसेतु मित्र वेबसाइट है, उसकी गतिविधियां सबसे ज्यादा संदेह के घेरे में है.
जब हमने इस वेबसाइट पर जाकर देखा तो हम भी यह देखकर हैरान रह गये कि यह वेबसाइट बिल्कुल भी सरकारी वेबसाइट जैसी नहीं दिख रही थी. यह किसी प्राइवेट कम्पनी की वेबसाइट दिख रही थी.
हमने इसकी तह में जाने का फ़ैसला किया और होस्ट का पता बताने वाली होस्ट चेकर वेबसाइट से इसका डोमेन नेम की जांच की. हम यह जानकर हैरान रह गये कि यह भारत के सरकारी सर्वर से नहीं बल्कि विदेशी सर्वर से जुड़ी हुई है, और तो और यह अमेजन वेबसाइट से जुड़ा ही सर्वर है.
हमने साइबर एक्सपर्ट मित्र विजय शुक्ला को इस वेबसाइट की असलियत जांचने के लिए कहा. उन्होंने बताया कि जितनी भी सरकार से जुड़ी वेबसाइट होती है. उनके आखिर में gov.in होता है. जो इसका नहीं है.
सरकारी वेबसाइट का स्वामित्व NIC, Ministry of Electronics and Information Technology के पास होता है. लेकिन इस वेबसाइट का स्वामित्व पूरी तरह से प्राइवेट है, तो सरकार फिर कैसे इसे आरोग्यसेतु जैसी एप्प से जोड़ रही है?

जब आप इस वेबसाइट पर जाकर देखेंगे तो इसमें मुख्य रूप से तीन टैब बने हुए हैं. पहला है कंसल्ट डॉक्टर. दूसरा है लैब टेस्ट. तीसरा है E फार्मेसी.
पहले टैब से टाटा ग्रुप, टेक महिंद्रा और स्वस्थ जैसी टेलीमेडिसिन कंपनियों के डॉक्टर जुड़े हुए हैं. ये अपनी सेवाएं मार्केट रेट से ही देंगे.
दूसरा टैब, जो लैब टेस्ट की सुविधा दे रहा है. उसमें 1mg जैसी कम्पनी को शामिल किया गया है. जिसकी अपनी कोई लैब ही नहीं है. इसमें भी डॉ लाल जैसी सारी प्राइवेट लैब को प्रमोट किया गया है.
इसके लिए आपको मोटी रकम चुकानी होगी. जबकि कोविड-19 की जांच सरकार को फ्री में करना चाहिए.
तीसरा टैब है E फार्मेसी. यह एप्प तो पूरी तरह से 1MG , नेट मेड, मेड लाइफ जैसे विदेशी फार्मा कंपनियों से जुड़े एप्प पर आपको डायरेक्ट लिंक कर रहा है.
ऐसा भी नहीं है कि देशभर की केमिस्ट और ड्रगिस्ट एसोसिएशन को कुछ पता नहीं है. उन्होंने पिछले हफ्ते दिल्ली हाईकोर्ट में एक PIL दाखिल की है. जिसमें आरोग्य सेतु एप्प से जुड़ी aarogyasetumitr नाम की वेबसाइट को तुरंत हटाने की मांग की गयी है.
यह याचिका दिल्ली स्थित साउथ केमिस्ट्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन के सहयोग से लगायी गयी है. याचिका में बताया गया है कि वेबसाइट ई-फार्मेसीज के लिए मार्केटिंग टूल की तरह काम कर रही है.
आरोग्य सेतु एप्प को लांच करने का मकसद कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए किया गया था ना कि प्राइवेट कंपनीज के विज्ञापन के लिए.
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से 10 दिनों के भीतर अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है और मामले को 29 मई के लिए सूचीबद्ध किया है.
सरकार खुद कह रही है कि आरोग्यसेतु एप्प के 10 करोड़ डाउनलोड हो चुके हैं. इसका सीधा अर्थ यह है कि 10 करोड़ लोगों तक एप्प से जुड़ी वेबसाइट aarogyasetumitr के साथ संलग्न इन देशी विदेशी टेलीमेडिसिन कंपनियों के पास आपका डाटा पहुंचा दिया गया है.
यह डाटा आने वाले दिनों में भारत के हेल्थ सेक्टर की पूरी तस्वीर बदलने जा रहा है.
सबसे कमाल की बात है कि आप भी और मैं भी यह सब जानते बुझते, खुशी-खुशी सब काम करने के लिए तैयार हो जाएंगे, आप आरोग्यसेतु से नही जुड़ेंगे तो किसी और टेलीमेडिसिन एप्प से जुड़ जाएंगे. क्योंकि कोविड-19 से जुड़े संक्रमण का भय ही ऐसा फैला दिया गया है.
अब कुछ समझ में आया?
डिस्क्लेमरः ये लेखक निजी विचार हैं.