
New Delhi: देश में उत्पादित कोरोनारोधी वैक्सीन कोविशील्ड व कोवाक्सिन की कीमत में वृद्धि हुई है. कोविशील्ड की एक खुराक 200 और कोवाक्सिन की 206 रुपये कीमत तय हुई थी लेकिन अब नई कीमतों के तहत यह बढ़कर क्रमशः 205 और 215 हो चुकी है. अब नये दर के अनुसार कोविशील्ड वैक्सीन की एक शीशी पर सरकार को 50 रुपये अधिक (एक शीशी में दस खुराक) देने पड़ रहे हैं. जबकि कोवाक्सिन की एक शीशी पर यह खर्चा 180 रुपये (एक शीशी में 20 खुराक) तक महंगा हो गया है.
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यह अलग बात है कि देशवासियों को कोरोनारोधी टीके मुफ्त लग रहे हैं. जनवरी माह में टीकाकरण शुरू करने से पूर्व वैक्सीन की कीमत हुई थी. यह कीमत जुलाई माह तक के लिये ही मान्य था. अब सरकार को नई कीमत के तहत आर्डर देना होगा. हालांकि, पूर्व में माना जा रहा था कि समय गुजरने के साथ टीके की कीमत में कमी आयेगी. मगर, ऐसा नहीं हुआ. माना जा रहा है कि 75 फीसद टीकों की सरकारी खरीद होने की वजह से कीमत में कमी नहीं हो पाई. भारत बायोटेक की कोवाक्सिन स्वदेशी होने के बावजूद कोविशील्ड की तुलना में अभी भी महंगी है. निजी टीकाकरण केंद्रों में इन दिनों सबसे महंगी वैक्सीन भी यही है.
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स्वास्थ्य मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार 16 जुलाई को केंद्र सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को कोविशील्ड वैक्सीन की 37.5 करोड़ खुराक का ऑर्डर दिया है. जबकि भारत बायोटेक को 28.5 करोड़ खुराक का ऑर्डर मिला है.
केंद्र सरकार ने वैक्सीन खरीदने के लिए पहला ऑर्डर इस साल 10 जनवरी को दिया था. तब कोविशील्ड की 1.1 करोड़ और कोवाक्सिन 55 लाख डोज का ऑर्डर दिया गया लेकिन इसके बाद फरवरी में तीन बार ऑर्डर (3,10 और 24 फरवरी) दिया जिसके तहत कोविशील्ड को 4.50 करोड़ डोज शामिल थीं लेकिन कोवाक्सिन की केवल 45 लाख डोज ही शामिल रहीं. इसके बाद 12 मार्च, 5 मई और 16 जुलाई को क्रमश: 12, 16 और 66 करोड़ डोज का ऑर्डर दिया जा चुका है. अब तक सरकार 100 करोड़ डोज का ऑर्डर सिर्फ दो कंपनियों को दे चुकी है जिनमें अकेले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के पास 64.1 करोड़ डोज का ऑर्डर है, जबकि भारत बायोटेक के पास केवल 36.5 करोड़ डोज का ऑर्डर है.