
NewDelhi : भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी चीन जा सकते हैं. वे केंद्र की मोदी सरकार से नाराज हैं. स्वामी ने आरोप लगाया है कि मौजूदा मोदी सरकार में उनके विचारों के लिए कोई जगह नहीं. इस क्रम में सोमवार को भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर कहा है कि इन हालतों में वह चीन जा सकते हैं.
स्वामी ने जानकारी दी कि चीन की मशहूर सिंघुआ यूनिवर्सिटी ने सितंबर में उन्हें स्कॉलर्स की सभा में बोलने के लिए आमंत्रित किया है. चीन का आर्थिक विकास- 70 वर्षों की समीक्षा विषय पर स्वामी को भाषण देना है. ट्वीट में स्वामी ने लिखा है कि चूंकि नमो को मेरे विचारों को जानने में कोई दिलचस्पी नहीं है इसलिए मैं चीन जा सकता हूं.
जान लें कि सुब्रमण्यम स्वामी ने महज 24 साल की उम्र में ही हॉवर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री हासिल की थी. स्वामी 27 की उम्र में हॉवर्ड में ही पढ़ाना शुरू कर चुके थे. 1968 में उन्हें दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में पढ़ाने का न्योता मिला. इसके बाद वह दिल्ली आये. 1969 में वे आईआईटी दिल्ली से जुड़े.

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भारतीय आपको बहुत उत्सुकता से सुनते हैं
सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा ट्वीट किये जाने पर यूजर्स अपनी राय रख रहे हैं. कई यूजर्स उनके इस बयान पर मजे भी ले रहे हैं. एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि सिंघुआ यूनिवर्सिटी की वैश्विक रैंकिंग 22 है. स्वामी के लैक्चर से यूनिवर्सिटी को लाभ होगा. एक ने लिखा कि चीन जैसा देश डॉक्टर सुब्रमण्यम स्वामी का महत्व जानता है , मगर हम भारतीय उनकी कीमत जानने में फेल रहे हैं.
एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि आपको क्या रोक रहा है. वह कुछ विशेषाधिकार प्राप्त लोगों को छोड़कर किसी को सुनने वाले नहीं हैं. विकास नामक ट्वीटर यूजर ने लिखा, मैं पीएम के बारे में नहीं जानता, लेकिन भारतीय आपको बहुत उत्सुकता से सुनते हैं. एक ने लिखा कि अपना समय बर्बाद मत कीजिए , अगर पीएम मोदी आपकी नहीं सुन रहे हैं. आप वन मैन आर्मी के रूप में काम करने के लिए बेहतर हैं.
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