
RANCHI: रांची रेलवे स्टेशन पर पैसेंजर्स अगर बीमार पड़ जाए तो उन्हें हॉस्पिटल तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस तैनात किया गया है. जिससे कि तत्काल उन्हें नजदीकी हॉस्पिटल में इलाज के लिए पहुंचाया जा सके. लेकिन रेलवे स्टेशन के बाहर खड़ी ये एंबुलेंस किसी काम की नहीं है. जब भी जरूरत पड़ी तो पैसेंजर्स को एंबुलेंस ही नहीं मिल पाई. ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब पैसेंजर्स को इसका फायदा ही नहीं मिल रहा तो क्या इसे शोपीस बनाने के लिए स्टेशन के बाहर रखा गया है. बताते चलें कि सीएसआर के तहत इंडियन आयल कार्पोरेशन ने हाइटेक एंबुलेंस उपलब्ध कराया है.
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24 घंटे सुविधा देने का दावा फेल
रांची रेलवे स्टेशन के बाहर एंबुलेंस की सेवा 24 घंटे देने का दावा किया गया था. वहीं एंबुलेंस में ड्राइवर के साथ एक मेडिकल टीम को भी तैनात करने की बात कही गई थी. जिससे कि आपात स्थिति में तत्काल पैसेंजर को इलाज मिल सके और हॉस्पिटल ले जाने तक उसकी मॉनिटरिंग भी की जा सके. लेकिन 6 महीने बीत जाने के बाद भी आजतक एंबुलेंस में मेडिकल टीम तैनात नहीं हो पाई है.
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कब-कब पड़ी है जरूरत
केस 1
10 मई को रांची स्टेशन पर अमृतसर जाने के लिए एक पैसेंजर स्टेशन पर था. इस दौरान प्लेटफार्म पर बेहोश होकर गिर पड़ा. जब उसे एंबुलेंस और ट्रीटमेंट नहीं मिला तो उसकी मौत हो गई. उस समय तो एंबुलेंस के लिए ड्राइवर भी उपलब्ध नहीं था.
केस 2
26 जून को गर्भवती महिला को लेबर पेन हुआ. उसे ट्रेन से रांची स्टेशन पर उतारा गया. उसे तत्काल एंबुलेंस की जरूरत थी. परिजन आरपीएफ की मदद से प्राइवेट गाड़ी से लेकर गए. ड्राइवर एंबुलेंस में मौजूद नहीं था और पैसेंजर को फिर एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिली.