Mumbai: भारतीय सिनेमा जगत में 1970-80 के दशक में कम बजट की हॉरर फिल्मों का दौर लाकर क्रांति करने वाले रामसे ब्रदर्स के जीवन पर बॉलीवुड अभिनेता और निर्माता अजय देवगन बायोपिक बनाने जा रहे हैं.
देवगन और प्रीति सिन्हा ने इन सातों भाइयों के जीवन पर फिल्म बनाने के अधिकार हासिल किये हैं. रितेश शाह ने “द रामसे बायोपिक” के शीर्षक से इसे लिखा है.
रामसे ब्रदर्स ‘‘पुरानी हवेली”, “दो गज जमीन के नीचे”, “वीराना” और “बंद दरवाजा’’ जैसी फिल्में बनाकर मशहूर हुए थे. हॉरर और इरोटिका के अपने अनोखे मिश्रण के चलते ये फिल्में बहुत लोकप्रिय हुईं.
प्रीति सिन्हा ने एक बयान में कहा कि स्वर्गीय तुलसी रामसे और श्याम रामसे के परिवार ने हमें बायोपिक अधिकार देकर हम पर भरोसा किया है.
अजय और मैं रामसे परिवार की तीन पीढ़ियों की मेहनत, जुनून और सफलता की आकर्षक यात्रा को पर्दे पर लाने के लिए बेहद उत्साहित हैं.
हॉरर फिल्मों के पीछे रश्याम रामसे की होती थी असली सोच
गौरतलब है कि ‘पुरानी हवेली’ और ‘तहखाना’ जैसी हॉरर फिल्मों के लिए चर्चित सात ‘रामसे ब्रदर्स’ में से एक, श्याम रामसे का कुछ महीने पहले मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया. गौरतलब है कि 67 वर्षीय श्याम रामसे न्यूमोनिया से पीड़ित थे.
श्याम भारतीय सिनेमा में हॉरर फिल्मों की वजह से लंबे समय तक एक खास जगह रखने वाले रामसे ब्रदर्स में से एक थे. रामसे ब्रदर्स ने 1970 और 1980 के दशक में कम बजट में हॉरर फिल्में बनाईं जिन्हें दर्शकों ने खूब सराहा.
माना जाता है कि इन हॉरर फिल्मों के पीछे असली सोच श्याम रामसे की होती थी. उन्होंने ‘दरवाजा’, ‘पुराना मंदिर’, ‘वीरना’ और ‘द जी हॉरर शो’ जैसी फिल्मों का निर्देशन किया था.
Mumbai: भारतीय सिनेमा जगत में 1970-80 के दशक में कम बजट की हॉरर फिल्मों का दौर लाकर क्रांति करने वाले रामसे ब्रदर्स के जीवन पर बॉलीवुड अभिनेता और निर्माता अजय देवगन बायोपिक बनाने जा रहे हैं.
देवगन और प्रीति सिन्हा ने इन सातों भाइयों के जीवन पर फिल्म बनाने के अधिकार हासिल किये हैं. रितेश शाह ने “द रामसे बायोपिक” के शीर्षक से इसे लिखा है.
इसे भी पढ़ें- शानदार फिल्म के लिए अच्छी टीम बेहद जरूरी: अनिल कपूर
इन फिल्मों को बनाकर फेमस हुए थे रामसे ब्रदर्स
रामसे ब्रदर्स ‘‘पुरानी हवेली”, “दो गज जमीन के नीचे”, “वीराना” और “बंद दरवाजा’’ जैसी फिल्में बनाकर मशहूर हुए थे. हॉरर और इरोटिका के अपने अनोखे मिश्रण के चलते ये फिल्में बहुत लोकप्रिय हुईं.
प्रीति सिन्हा ने एक बयान में कहा कि स्वर्गीय तुलसी रामसे और श्याम रामसे के परिवार ने हमें बायोपिक अधिकार देकर हम पर भरोसा किया है.
अजय और मैं रामसे परिवार की तीन पीढ़ियों की मेहनत, जुनून और सफलता की आकर्षक यात्रा को पर्दे पर लाने के लिए बेहद उत्साहित हैं.
इसे भी पढ़ें- कॉमेडी फिल्मों ने मुझे एक्टिंग निखारने का दिया मौका: कृति खरबंदा
हॉरर फिल्मों के पीछे रश्याम रामसे की होती थी असली सोच
गौरतलब है कि ‘पुरानी हवेली’ और ‘तहखाना’ जैसी हॉरर फिल्मों के लिए चर्चित सात ‘रामसे ब्रदर्स’ में से एक, श्याम रामसे का कुछ महीने पहले मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया. गौरतलब है कि 67 वर्षीय श्याम रामसे न्यूमोनिया से पीड़ित थे.
श्याम भारतीय सिनेमा में हॉरर फिल्मों की वजह से लंबे समय तक एक खास जगह रखने वाले रामसे ब्रदर्स में से एक थे. रामसे ब्रदर्स ने 1970 और 1980 के दशक में कम बजट में हॉरर फिल्में बनाईं जिन्हें दर्शकों ने खूब सराहा.
माना जाता है कि इन हॉरर फिल्मों के पीछे असली सोच श्याम रामसे की होती थी. उन्होंने ‘दरवाजा’, ‘पुराना मंदिर’, ‘वीरना’ और ‘द जी हॉरर शो’ जैसी फिल्मों का निर्देशन किया था.