
New Delhi: चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में चल रहे गतिरोध पर वायुसेना प्रमुख आरके एस भदौरिया ने सोमवार को कहा कि किसी भी खतरे का सामना करने के लिये भारतीय वायुसेना बेहद अच्छी स्थिति में है. और देश के सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए सभी प्रासंगिक क्षेत्रों में काफी मजबूत तैनाती की गई है.
वायुसेना दिवस से पहले एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भदौरिया ने कहा कि चीनी वायुशक्ति भारत की क्षमताओं से बेहतर नहीं हो सकती, लेकिन इसके साथ ही यह भी जोड़ा कि विरोधियों को कमतर आंकने का कोई सवाल नहीं.
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हर चुनौती से निपटने को तैनात
वायुसेना प्रमुख ने चीन और पाकिस्तान को लेकर कहा कि अगर ऐसी स्थिति बनती है तो उत्तरी और पश्चिमी सीमा के दो मोर्चों पर भारतीय वायुसेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिये तैयार है. पूर्वी लद्दाख में स्थिति और क्षेत्र में चीन से संभावित खतरे के बारे में पूछे जाने पर वायुसेना प्रमुख ने कहा, “आश्वस्त रहिये, किसी भी चुनौती से निपटने के लिये हमने मजबूत तैनाती की है.” भदौरिया ने कहा, हमनें सभी प्रासंगिक क्षेत्रों में तैनाती की है, लद्दाख एक छोटा हिस्सा है.
एयर चीफ मार्शल ने कहा कि उत्तरी सीमा पर किसी भी कार्रवाई से निपटने के लिये भारतीय वायुसेना काफी अच्छी स्थिति में है. उन्होंने कहा कि राफेल विमानों के वायुसेना में शामिल होने से हमें संचालनात्मक बढ़त मिली है.
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एलएसी पर जारी है विवाद
बता दें कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पांच महीने से गतिरोध बना हुआ है. जिससे दोनों के रिश्तों में महत्वपूर्ण रूप से तनाव आया है. विवाद के हल के लिये दोनों पक्षों ने कई दौर की कूटनीतिक और सैन्य वार्ता की हैं. हालांकि गतिरोध को दूर करने में कोई कामयाबी नहीं मिली.
दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच 12 अक्टूबर को एक और दौर की बातचीत होनी है जिसका एजेंडा खास तौर पर विवाद वाले बिंदुओं से सैनिकों की वापसी की रूपरेखा तय करना है. किसी भी चुनौती से निपटने के लिये भारत ने पहले ही ऊंचाई वाले इस क्षेत्र में हजारों सैनिकों और सैन्य साजो-सामान की तैनाती की है.
भारतीय वायुसेना ने भी पूर्वी लद्दाख और वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे अन्य स्थानों पर सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर और मिराज 2000 जैसे अपनी अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमानों को पहले ही तैनात कर रखा है. हाल में वायुसेना के बड़े में शामिल किये गए पांच राफेल लड़ाकू विमान भी पूर्वी लद्दाख में नियमित रूप से उड़ान भर रहे हैं.
वायुसेना रात में भी पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में युद्धक हवाई गश्त कर रही है जिससे चीन को यह संदेश दिया जा सके कि वह इस पहाड़ी क्षेत्र में किसी भी चुनौती का सामना करने के लिये तैयार है. दोनों देशों के बीच 21 सितंबर को हुई आखिरी सैन्य वार्ता के दौरान दोनों सेनाओं ने सीमा पर और सैनिकों को नहीं भेजने, जमीनी स्तर पर एकपक्षीय तौर पर स्थिति को बदलने से बचने और मामले को और जटिल बनाने वाले किसी भी कदम से बचने जैसे उपायों की घोषणा की थी.
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