
Ranchi: झारखंड जितना खनिज-संपदा के लिए जाना-जाता है, उतना ही देवघर में स्थापित कामना लिंग के लिए जाना-जाता है. हर साल सावन के महीने में लगने वाले श्रावणी मेला में लाखों श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए भारत के कोने-कोने से आते हैं. लेकिन दो साल से कोराना की वजह से श्रावणी मेला नहीं लग पा रहा है. कोरोना का प्रभाव कम होने के बाद जब दुनिया पटरी पर आ रही है तो देवघर में भी श्रावणी मेला लगने की तैयारी शुरू हो गयी है. हालांकि, सरकार या देवघर प्रशासन की तरफ से अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है. लेकिन जिस तरह से देवघर जिला प्रशासन तैयारी में जुटा है, इससे यह तय माना जा रहा है कि एक बार फिर से बिहार के सुल्तानगंज से लेकर झारखंड के देवघर तक बाबा की जयकार लगेगी. बोल-बम के उदघोष से फिर से सब भगवा रंग में रंग जाएगा.
साथ ही क्राउड मैनेजमेंट की बेहतर व्यवस्था को लेकर आईआईटी मुंबई एवं बीआईटी मिश्रा देवघर के सलाहकार समिति से विशेष आग्रह किया गया, ताकि विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी का उपयोग कर श्रद्धालुओं के लिए बेहतर जलार्पण की व्यवस्था के अलावा भीड़ नियंत्रण की दिशा में कार्य किया जा सके।
— DC Deoghar (@DCDeoghar) April 7, 2022


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बीआईटी और आईआईटी के इंजीनियर बना रहे योजना
जाहिर सी बात है कि दो साल के बाद श्रावणी मेला में काफी भीड़ होने वाली है. बताया जा रहा है कि हर साल जितने लोग आते थे, उससे दो गुना श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए देवघर पहुंचेंगे. प्रशासन के सामने भीड़ को कंट्रोल करते हुए बाबा के दर्शन कराना सबसे बड़ी चुनौती है. इसलिए बीआईटी मेसरा और मुंबई आईआईटी के इंजीनियर्स देवघर के अधिकारियों से मिलकर योजना तौयार कर रहे हैं. सभी काम देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री की देख-रेख में हो रहा है. इस बाबत देवघर डीसी ने एक ट्विट भी किया है.
उन्होंने अपने ट्विट में लिखा है कि आगामी श्रावणी मेला, 2022 के परिप्रेक्ष्य में सुविधाओं को और बेहतर करने के उद्देश्य से बीआईटी मेसरा देवघर के अभियंताओं की टीम को आईआईटी मुंबई की टीम के साथ समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करने की बात कही, ताकि एक बेहतर कार्य योजना तैयार की जा सके. क्राउड मैनेजमेंट की बेहतर व्यवस्था को लेकर आईआईटी मुंबई एवं बीआईटी मिश्रा देवघर के सलाहकार समिति से विशेष आग्रह किया गया, ताकि विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी का उपयोग कर श्रद्धालुओं के लिए बेहतर जलार्पण की व्यवस्था के अलावा भीड़ नियंत्रण की दिशा में कार्य किया जा सके.
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