
New Delhi : अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार के गठन के बाद महबूबा मुफ्ती का भी तालिबान प्रेम नजर आने लगा है. फारूक अब्दुल्ला के बाद अब जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कुलगाम में बयान देते हुए कहा कि तालिबान एक हकीकत है और उनको चहिए कि पहली बार उनकी जो छवि बनी है वो इंसानों के खिलाफ थी लेकिन अबकी बार वो आए हैं और हुकूमत करना चाहते हैं
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अफगानिस्तान में तो बाकी जो असली शरिया कहता है, जो हमारे कुरान शरीफ में है. जो बच्चों और औरतों के अधिकार हैं. किस तरह से शासन करना चाहिए जो मदीने का हमारा मॉडल रहा है.
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तो अगर वो वाकई उसपर अमल करना चाहते हैं तो वो दुनिया के लिए मिसाल बन सकते हैं. अगर वो उसपर अमल करेंगे तभी दुनिया के देश हैं उनके साथ कारोबार कर सकते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि खुदा ना खास्ता अगर जो बीते सालों में उन्होंने अपना एक तरीका अपनाएंगे तो फिर सारी दुनिया के लिए ही नहीं अफगानिस्तान के लोगों के लिए भी मुश्किल हो जाएगी.
मसरत आलम को हुर्रियत का चीफ बनाए जाने को लेकर पूर्व सीएम ने कहा कि वो उनका आपस का मसला है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि केंद्र बाहर से लोगों को यहां लेकर आती है, लेकिन हमें यहां बंद कर रखा है और कहती है कि हमें यहां खतरा है ये बात हमें समझ नहीं आती.
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