
Ranchi : राज्य गठन के बाद पहली बार 2337 सरकारी स्कूलों हाई-प्लस टू स्कूलों में करीब चार हजार क्लर्कों की बहाली का रास्ता साफ हो गया है. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग जल्द ही बहाली की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी में है. शिक्षा विभाग की ओर से प्रखंड से लेकर प्रमंडल स्तर पर रिक्त सीटों का जायजा लिया जा रहा है.
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शिक्षा विभाग की ओर से सभी जिलों को निर्देश दिया गया है कि 30 जनवरी तक ग्रेड-3 संवर्ग में खाली सीटों की सूचना आरक्षण रोस्टर के अनुरूप विभाग को भेजा जाए. शिक्षा सचिव ने सभी क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षिका, उप जिला शिक्षा अधीक्षक, क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, डायट-प्रशिक्षण संस्थान, प्लस टू स्कूल और हाई स्कूल मैं खाली क्लर्क के पदों की संख्या मांगी है. मालूम हो कि अभी करीब 900 कर्मी इन स्कूलों में कार्यरत हैं जो आधे से भी कम हैं.
उन्होंने आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए आरक्षण रोस्टर वार रिक्तियों की संख्या उपलब्ध कराने को कहा है. स्कूल, प्रखंड, अनुमंडल, जिला से लेकर प्रमंडल स्तर पर शिक्षा विभाग के कार्यालयों में क्लर्क की खाली पदों की संख्या निकल कर सामने आने के बाद उस पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी. प्रखंड से लेकर प्रमंडल स्तर के शिक्षा कार्यालयों में क्लर्क के पद हैं जो अनुकंपा के आधार पर ही भर लिए जाते हैं. स्कूलों में शिक्षकों को ही क्लर्क का काम करना पड़ता है. बोकारो, लोहरदगा, जमशेदपुर समेत कुछ जिले के शिक्षा विभाग कार्यालयों में क्लर्क का पद भी स्वीकृत नहीं हो सका है. इन जगहों पर क्लर्क की प्रतिनियुक्ति से काम चलाया जा रहा है. मालूम हो कि स्कूल से लेकर शिक्षा विभाग के कार्यालयों में स्थाई क्लर्क की नियुक्ति झारखंड गठन के बाद से नहीं हुई है. राज्य में नए हाई और प्लस टू स्कूल भी खुले, लेकिन अस्थाई क्लर्क नियुक्त नहीं हो सके हैं. एकीकृत बिहार के समय 90 के दशक में क्लर्क की नियुक्ति हुई थी. संयुक्त बिहार में 1987 में क्लर्क की नियुक्ति हुई थी. इसके बाद से क्लर्क के पद पर नई नियुक्ति नहीं हो सकी है. स्कूलों, आरडीडीई, डीईओ, डीएसई ऑफिस में क्लर्क के अधिकांश पदों पर अनुकंपा पर नियुक्ति हुई है.