
Jamshedpur: पूर्वोतर राज्य असम में असामान्य रूप से सूकरों की मौत अफ्रीकन स्वाईन फीवर बीमारी से होने के बाद झारखंड में भी इस बीमारी के फैलने की पुष्टि हो चुकी है. सूकर प्रजनन प्रक्षेत्र कांके,रांची में इस बीमारी से सूकरों की मृत्यु की पुष्टि ICAR, NIHSAD, Bhopal संस्थान द्वारा भेजे गए नमूनों से स्पष्ट हुआ है. हालांकि, सकून की बात है कि यह बीमारी जानवरों से मनुष्यों में नहीं फैलती है. पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन ने इस बीमारी को लेकर एडवाइजरी जारी की है. सकूरपालकों से एडवाइजरी पर अमल करने को कहा गया है.
अफ्रीकन स्वाईन फीवर या अफ्रीकन सूकर ज्वर रोग क्या है?
- यह एक विषाणुजनित रोग है.
- यह छूआछूत का रोग है, जिसमें बीमार सूकर के सम्पर्क से स्वस्थ्य सूकर में रोग फैलता है .साथ ही बीमार सूकर के मलमूत्र एवं दूषित दाना पानी से रोग फैलता है.
- सूकर पालक / सूकरों की देख भाल करने वालों के माध्यम से भी यह रोग फैलता है.
- यह रोग सिर्फ सूकरों को संक्रमित करता है.
- सूकर के अलावा यह किसी और पशुओं या मनुष्यों को संक्रमित नहीं करता है.
- इस रोग से सूकरों में असामान्य या अत्यधिक संख्या में आकस्मिक मृत्यु होती है.
रोग के प्रमुख लक्षण - तीव्र ज्वर
- भूख न लगना या खाना छोड़ देना
- उल्टी एवं दस्त (कभी- कभी खूनी दस्त)
- कान, छाती, पेट एवं पैरों में लाल चकत्तेदार धब्बा
- लड़खड़ाते हुए चलना
- 1 से 14 दिनों में मृत्यु
- किसी-किसी में मृत्यु के उपरान्त मुख एवं नाक से रक्त का स्राव होना.
रोग से बचाव एवं रोकथाम - इस रोग का कोई ईलाज या टीका नहीं है
- सतर्कता ही इस रोग से बचाव है
क्या ना करें - संक्रमित क्षेत्र में सूकरों की खरीद-बिक्री ना करें
- सूकर फार्म में अनावश्यक आवाजाही पर रोक लगायें
- संक्रमित क्षेत्र में सूकर मांस की बिक्री पर रोक लगावें
- सूकर के बाड़े में अन्य जाति के पशुओं के आवाजाही पर रोक लगावें
क्या करें - यदि पशुपालक सुकरों को होटल जूठन अवशेष भोजन के रूप में देते हैं, तो वैसी स्थिति में भोजन को 20 मिनट उबालकर दें
- मृत सूकर संक्रमित भोजन एवं मल को गहरा गड्ढा खोदकर चूने के साथ दफना दें
- सूकर बाड़े की सफाई प्रतिदिन एन्टीसेप्टिक / कीटाणुनाशक घोल से करें
- बाह्य परिजीवी (चमोकन आदि) पर नियंत्रण करें
- असामान्य या अत्यधिक संख्या में मृत्यु होने पर निकटतम पशुचिकित्सालय में सूचना दें
- पशुचिकित्सा पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को रोग नियंत्रण क्रियाकलापों में सूकर पालक अपना बहुमूल्य सहयोग दें
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