
Koderma : व्यवहार न्यायालय के प्रधान व ज़िला सत्र न्यायाधीश की कथित मनमानी के खिलाफ ज़िला अधिवक्ता संघ के सदस्य अधिवक्ता शनिवार को अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गये. इस दौरान अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्यों का बहिष्कार कर दिया. संघ के सचिव मनीष कुमार ने कहा कि अधिवक्ता संघ की मांग है कि तत्काल पीडीजे का तबादला किया जाये. उन्होंने कहा कि कोडरमा में पूर्व से ही बार और बेंच के बीच सम्बंध अच्छे नहीं रहे हैं. शनिवार को पीडीजे के द्वारा व्यवहार न्यायालय कोडरमा में घुसने पर रोक लगा दी गयी है.

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इस मनमाने रवैये से अधिवक्तागण उग्र हो गये और व्यवहार न्यायालय के गेट पर ही धरना पर बैठ गये. वहीं अधिवक्ता देवेंद्र सेठ ने कहा कि पीडीजे की मनमानी नहीं चलेगी. अगर रोकना है तो व्यवहार न्यायालय के अंदर हो रहे भ्रष्टाचार को रोकें. वहीं धरना प्रदर्शन पर बैठे उपाध्यक्ष धीरज जोशी, अरुण सिंह, रितम कुमारी सहित अन्य अधिवक्ताओं ने एक सुर में कहा कि पीडीजे के तबादले तक धरना जारी रहेगा. धरना पर बैठनेवालों में अधिवक्ता कुमार रौशन, रामलखन सिंह, प्रशांत यादव, केपी सिंह, अशोक सिंह, अमरेंद्र श्रीवास्तव, शंकर सिंह, नुमानुल हक़, आमिर निजामी, दिनेश सिंह, जितेंद्र कुमार, दीपक कुमार, कोषाध्यक्ष मोती लाल, अनवर हुसैन सहित काफी संख्या में अधिवक्तागण शामिल हैं.
क्या कहते हैं पीडीजे
इस मामले में प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश बीरेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि धरना के बाबत मुझे कोई जानकारी नहीं. अगर कोई मामला है तो उन्हें आकर बात करनी चाहिए.
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