
Ranchi: सीएनटी एसपीटी संशोधन विधेयक के विरोध में विपक्षी दलों ने 23 नवंबर 2016 को विधानसभा घेराव करने का कार्यक्रम तय किया था. इसका नेतृत्व झारखंड विकास मोर्चा प्रमुख बाबूलाल मरांडी कर रहे थे. 23 नवंबर 2016 को दिन के एक बजे डिबडिबी चौक से निकले जुलूस को पुलिस ने सेटेलाइट चौक पर रोक दिया. इसके बाद सभी विपक्षी दल के नेता और कार्यकर्ता धरने पर बैठ गये. दिन के करीब 2:30 बजे विधानसभा में सीएनटी एसपीटी एक्ट संशोधन विधेयक पारित होने की सूचना मिलने के बाद सारे नेता विधानसभा घेराव करने फिरसे निकल पड़े. बैरिकेड को तोड़ दिया गया. इसके बाद पुलिस ने पानी की बौछार की और आंसू गैस के गोले भी छोड़े. सीएनटी एसपीटी एक्ट संशोधन विधेयक विधासभा में परित होने के बांद जुलूस काफी अक्रोश में था. पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया.
क्या था मामला
विधानसभा घेराव करने जा रहे विपक्ष के नेताओं पर सेटेलाइट चौक पर हंगामा करने का आरोप लगाया गया. सरकारी काम में बाधा डालने समते 353 धारा भी बाबूलाल मरांडी समेत 52 नेताओं पर दर्ज किया गया था. जिसमें पूर्व विधायक बंधु तिर्की, लक्ष्मण स्वर्णकार, पूर्व मंत्री रामचंद्र केसरी, रमेश राय, खालिद, संतोष कुमार, योगेंद्र प्रताप सिंह, आदित्य मोनू, सीताराम जयसवाल, कृष्णा विश्वकर्मा, रंजीत सिंह, इमरान अंसारी, मुस्तकीम खान, शिव कुमार यादव, तिलेश्वर राम, संजय पांडे, छोटू खान, अभिनव कुमार, सतीश सिंह, राजेंद्र चौधरी, सुधीर कुमार, जलेश्वर महतो, हाजी हुसैन, भुनेश्वर प्रसाद मेहता, सुशांत मुखर्जी, अजय सिंह, पूनम झा, शोभा यादव समेत 52 लोगों पर नामजद प्राथमिकी एवं अज्ञात के रूप में 1500 लोगों को शामिल किया गया था. मामले की जानकारी देते हुए अधिवक्ता जितेंद्र कुमार ने कहा कि बाबूलाल मरांडी की एंटीसिपेटरी बेल एडिशनल जुडिशल कमिश्नर एस प्रसाद फाइल की थी. इस पर आज सुनवाई में बाबूलाल मरांडी को एंटीसिपेटरी बेल मिली है.


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