Ranchi: मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई प्रस्तावों पर मुहर लगी है. अवैध जमाबंदी को लेकर सरकार ने अहम फैसला लिया है. मंत्रिपरिषद की बैठक में इस बात पर मुहर लगी कि अब अवैध जमाबंदी की जांच के बाद अपर समाहर्ता यानी एसी इसे रद्द कर सकते हैं.
इसके खिलाफ अगर अपील करनी है तो डीसी के स्तर पर आवेदन देना होगा. मामले की दोबारा जांच के लिए प्रमंडल आयुक्त से अनुमति लेनी होगी. ऐसा कैबिनेट में झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल 2020 का प्रस्ताव पारित होने के बाद संभव हो पाया है.
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कैबिनेट के अन्य फैसले


- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के लाभुकों को जुलाई 2020 से नवंबर 2020 तक की अवधि के लिए पांच किलो खाद्यान्न प्रति लाभुक हर महीने मुफ्त दिया जायेगा. इसपर 141.56 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के 15 लाख लाभुकों को राज्य सरकार के मापदंड पर “झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना” के तहत एक रुपये प्रति किलो की दर से चावल उपलब्ध कराया जायेगा.
- राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार के सुदृढ़ीकरण हेतु ODMP (Other Disaster Management Project) के तहत कार्यरत पदाधिकारियों के सेवा अवधि विस्तार की स्वीकृति दी गयी.
- दुमका, हजारीबाग और पलामू और धनबाद के पीएमसीएच मेडिकल कॉलेजों के नाम बदल दिये गये हैं. दुमका के मेडिकल कॉलेज का नाम फुलो झानो मेडिकल कॉलेज, हजारीबाग के मेडिकल कॉलेज को शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज, पलामू के मेडिकल कॉलेज को मेदिनीनगर मेडिकल कॉलेज और धनबाद के पीएमसीएच मेडिकल कॉलेज को शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज रखे जाने की स्वीकृति मिली है.
- मनरेगा योजना को बेहतर करने के लिए भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की तरफ से राज्य में कलस्टर फैसिलिटेशन प्रोजेक्ट परियोजना संचालित करने की स्वीकृति दी गयी.
- मुख्यमंत्री श्रमिक योजना की स्वीकृति दी गयी है. अब शहरी श्रमिकों को भी ग्रामीण क्षेत्र की तर्ज पर 100 दिनों का रोजगार दिया जायेगा.
- झारखंड के जंगलों के ईंधन के लिए लकड़ी का इस्तेमाल करने के लिए किसी भी तरह का शुल्क देना अनिवार्य नहीं है. सरकार ने अब इस छूट को बांस के पेड़ों में भी दे दिया है.
- रांची, जमशेदपुर और धनबाद में जीएसटी से जुड़े मामले अब वहां के सिविल कोर्ट में सुने जायेंगे.
- फरार आरोपी की पेशी के बगैर ही अब केस की सुनवाई शुरू हो सकेगी. इससे पहले अगर आरोपी फरार रहता था तो कोर्ट में सुनवाई शुरू नहीं होती थी. अब आरोपी के बगैर ही केस की सुनवाई कोर्ट में हो सकेगी.
- पथ निर्माण विभाग में अब 10 फीसदी से कम रेट कोट कर के भी टेंडर भरा जा सकता है. साथ ही एक से ज्यादा कंपनी की दर एक जैसी हो जाती है तो लॉटरी सिस्टम से कंपनी का नाम तय किया जायेगा.
- राज्य सरकार अब अपने तय मानकों से 1848 करोड़ ज्यादा लोन ले सकती है.
- Jharkhand mineral bering land (covid-19 pandemic) Cess bill, 2020 लाने के संबंध में स्वीकृति दी गयी. इससे पहले कैबिनेट की बैठक में सरकार की तरफ से सेस लगाना तय हुआ था जिसे कैबिनेट की बैठक में पास कर दिया गया.
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