
Ranchi: “अच्छा लेखक लिखता नहीं हैं. बल्कि, पुनर्लेखन करता है. अच्छी चीजें महज लिखी नहीं जातीं. बल्कि रिराइट की जाती हैं. खुद के लिखे को एडिट करना सबसे पीड़ादायी प्रक्रिया है, जिससे गुजर कर ही कोई लेख बेहतर हो पाता है.”
उक्त बातें आज स्नातकोत्तर अंग्रेज़ी विभाग के द्वारा AECC ( Ability Enhancement Compulsory Courses ) के लेक्चर सीरीज के अंतर्गत रिसोर्स पर्सन न्यूज़ विंग के चीफ एडिटर शम्भू नाथ चौधरी ने छात्रों को लेखन कला पर टिप्स देते वक्त कही. उन्होंने बताया कि कोई भी लेखन या आलेख पाठकों तक 5 W 1H ( कब, कहाँ, क्या, कौन, क्यों और कैसे ) जैसे प्रश्नों के उत्तर दिये बगैर अधूरा है.
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उन्होंने कहा कि दुनिया में सबसे कीमती चीज शब्द हैं. इसके चयन और खर्च में बहुत समझदारी की जरूरत होती है. पूरे लेखकीय शिल्प की नींव विस्तृत अध्ययन है.
अच्छे शब्दों के लिए अच्छी चीजों का पाठ निरन्तर होते रहना चाहिए. और हमें नियमित तौर से लिखने की प्रैक्टिस होनी चाहिए.
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पहला ड्राफ्ट सिर्फ कैनवासिंग के लिए कीजिये. और री- ड्राफ्ट में उसे तराशने का काम कीजिये.” विश्वविद्यालय के अखड़ा में आयोजित इस कक्षा में उपस्थित तकरीबन 500 छात्रों ने काफी सराहा.
इस विशेष कक्षा के आयोजन के दौरान अंग्रेज़ी विभागाध्यक्ष डॉ विनय भरत, शिक्षक डॉ पियुषबाला, नम्रता झा, सौरभ मुखर्जी, कर्मा कुमार, संजीत बारला, सुमित व दिव्या उपस्थित थे.
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