
Ranchi: स्थायीकरण एवं वेतनमान की मांग को लेकर आंदोलनरत नौ पारा शिक्षकों की जान जा चूकी है. इसपर कांग्रेस पार्टी ने संवेदना व्यक्त की है. साथ ही सरकार के रवैये पर सवाल खड़ा करते हुए पार्टी ने कहा है कि राज्य की रघुवर सरकार ने जिस तरह लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन कर रहे पारा शिक्षकों पर पुलिस बल का प्रयोग किया, वह निंदनीय है. 15 नवम्बर तक की स्थिति को देखें, तो पूरे राज्य में कुल नौ पारा शिक्षक जान गंवा चुके हैं. एक पारा शिक्षक गायब हैं. वही सरकार ने 282 शिक्षकों को होटवार जेल भेजने का काम किया था. पूरी घटना राज्य के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है.

आंदोलन को मजबूर हैं कई संगठन

कांग्रेस पार्टी के मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर ने गुरुवार को आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि राज्य के पारा शिक्षक, रसोईया संघ, आगंनबाडी सेविका, मनरेगा कर्मी, मुखिया संघ अपनी मांगों को लेकर पिछले कई महिनों से आंदोलनरत हैं. ये सभी सरकारी उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं. सबसे विचित्र स्थिति 67,000 पारा शिक्षकों की है, जो 15 वर्ष के लंबे समय से आंदोलनरत है. आज भी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है. कठिन हालात में ये शिक्षक ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का अलख जगा रहे हैं. इसके विपरित वे न्यूनत्तम मजदूरी को भी तरस रहे हैं, यह राज्य के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है.
जान गंवा चुके पारा शिक्षक और संबंधित जिलेः
- जीनत खातून, रामगढ (मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी के आवास के बाहर)
- सूर्यदेव ठाकुर, चलकुशा, हजारीबाग
- कंचन दास, दुमका (मंत्री लुईस मरांडी के आवास के बाहर)
- प्रियंका कुमारी, चतरा
- उज्जवल कुमार राय, सारठ, देवघर
- उदय शंकर पांडेय (15 नवंम्बर के दिन पुलिस लाठी से मृत्यु) गढ़वा
- जगदेव यादव, चतरा
- रघुनाथ हेम्ब्रम, बोकारो
- शिवलाल सोरेन, दुमका (लापता)
- पारा शिक्षक हेम्रण्ड की पुत्री का निधन पिता के जेल जाने के क्रम में
मांगो को चुनावी मेनिफैस्टो में शामिल करेगी पार्टी
मीडिया प्रभारी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी पारा शिक्षकों के मांगों का समर्थन करते हुए इसे अपने मेनिफैस्टो में शामिल करेगी. 2019 में अगर पार्टी की सरकार बनती है, तो जिस तरह मध्यप्रदेश और छतीसगढ़ के किसानों का कर्ज माफी की गयी, उसी तरह पार्टी पारा शिक्षकों के मांगो को पूरा करेगी.
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