ब्यूनस आयर्स: अर्जेटीना की एक अदालत ने अपने राजनीतिक विरोधियों का कत्ल कर उनके नवजात शिशुओं को अगवा करने और सैन्य परिवारों में उनकी परवरिश करने का आदेश देने वाले पूर्व 86 वर्षीय तानाशाह जार्ज विदेला को पचास वर्ष जेल की सजा सुनाई है. अर्जेटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स की एक अदालत ने गुरूवार को 16 वर्षो तक चले मुकदमें का फैसला करते हुए सजा सुनाई. विदेला के अलावा उसके सैन्य जुंता के दूसरे अधिकारियों रेनाल्डो बिगोने, सेनतियागो रिवोरेस और जार्ज एकोस्ता इत्यादि को भी 15 वर्षो से लेकर 40 वर्षो तक की सजा सुनाई गई.
ब्रिटिश पत्रकार राबर्ट काक्स ने इस फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इन सैन्य तानाशाहों ने तो नाजी जर्मनी द्वारा किए गए अपराधों को भी कहीं पीछे छोड़ दिया. विदेला पर चले मुकदमें को उसके अंजाम तक पहुंचाने में इन बच्चों की नानी और दादियों के संगठन ग्रांडमदर्स आफ द प्लाजा दे मायो की अहम भूमिका रही.
यह मुकदमा वर्ष 1996 में शुरू हुआ था और इस दौरान अपने नाती पोतों को गंवाने वाली कई बुजुर्ग महिलाओं की मौत भी हो गई. इस मुकदमें में अगवा किए गए 35 बच्चों के मामलों पर सुनवाई हुई. ऎसा माना जाता है कि वर्ष 1976 से वर्ष 1983 के बीच कायम रहे सैन्य शासन के दौरान करीब 500 बच्चों की मांओं को कत्ल करने के बाद उन्हें परवरिश के लिए सैन्य परिवारों को सौंप दिया गया था. प्लाजा दे मायो संगठन की बदौलत इन 500 बच्चों में से 105 डीएनए परीक्षण के बाद अपने परिजनों से मिल पाने में कामयाब हो सके.