
New Delhi: ‘द सर्वे फॉर एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट फॉर रूरल इंडिया’ की सर्वे रिपोर्ट काफी चौकाने वाली है. ये रिपोर्ट 24 राज्यों के 28 जिलों में किए गए सर्वे के आधार पर तैयार किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार देश के 14 से 16 आयु वर्ग के बच्चों में से करीब एक चौथाई अपनी भाषा को बिना रुके फ्लुएंटली नहीं पढ़ सकते हैं. जबकि, 57 प्रतिशत बच्चे साधारण गुणा भाग भी ठीक से करने में सक्षम नहीं हैं. इस रिपोर्ट पर मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने चिंता जताते हुए कहा- ये रिपोर्ट बताता है कि वाकई में ग्रामीण शिक्षा की स्थिति क्या है और हमें इसमें और क्या करने की जरूरत है.
New Delhi: ‘द सर्वे फॉर एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट फॉर रूरल इंडिया‘ की सर्वे रिपोर्ट काफी चौकाने वाली है. ये रिपोर्ट 24 राज्यों के 28 जिलों में किए गए सर्वे के आधार पर तैयार किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार देश के 14 से 16 आयु वर्ग के बच्चों में से करीब एक चौथाई अपनी भाषा को बिना रुके फ्लुएंटली नहीं पढ़ सकते हैं. जबकि, 57 प्रतिशत बच्चे साधारण गुणा भाग भी ठीक से करने में सक्षम नहीं हैं. इस रिपोर्ट पर मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने चिंता जताते हुए कहा- ये रिपोर्ट बताता है कि वाकई में ग्रामीण शिक्षा की स्थिति क्या है और हमें इसमें और क्या करने की जरूरत है.
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अरविंद सुब्रमण्यम ने कहा कि 14 की आयु तक लड़का और लड़की के एडमिशन में किसी तरह का कोई अंतर नहीं है लेकिन 18 वर्ष तक आते ही 32 फीसदी लड़कियां आगे की पढ़ाई छोड़ रही हैं जबकि उसकी तुलना में 28 फीसदी लड़के आगे की पढ़ाई नहीं कर रहे.
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1641 गांवों के 25 हजार घरों में किये गये सर्वे
इस सर्वे में दो हजार वॉलिंटियर्स ने 35 पार्टनर संस्थानों के साथ मिलकर काम किया है. इनकी टीम 1641 गांवों के 25 हजार घरों में गए. जहां उन्होंने ने 30 हजार युवा से सवाल किए गए हैं. बच्चों से बहुत ही सिंपल सवाल किए गए थे. जैसे- पैसे की गिनती, वजन और समय की जानकारी वगैरह.
रिपोर्ट के अनुसार
देश में 14 से 16 साल के बच्चों में करीब-करीब एक चौथाई बच्चे अपनी भाषा को धाराप्रवाह (फ्लुएंटली) नहीं पढ़ सकते हैं.
57 फीसदी बच्चे को आसान गुण-भाग भी नहीं आता.
14 फीसदी बच्चों को जब भारत का नक्शा दिखाया गया तो उन्हें नक्शे के बारे में कुछ पता ही नहीं है.
36 फीसदी बच्चों को अपने देश की राजधानी का नाम नहीं पता.
21 फीसदी बच्चों को अपने राज्य के बारे में कुछ भी नहीं पता है.
40 फीसदी बच्चों को घंटा और मिनट के बारे में नहीं पता.
44 फीसदी बच्चे किलोग्राम को वजन में नहीं बता पाए.
18 वर्ष तक आते ही 32 फीसदी लड़कियां आगे की पढ़ाई छोड़ रही
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