
Ranchi : हीमोफीलिया पर राज्य स्तरीय कार्यशाला मंगलवार को आईपीएच सभागार, नामकुम में निधि खरे, प्रधान सचिव, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग की अध्यक्षता में आयोजित की गयी. कार्यशाला में राज्य के तीन चिकित्सा महाविद्यालयों एवं सभी जिला अस्पतालों के फिजीशियन, सर्जन, शिशु रोग विशेषज्ञ एवं दंत चिकित्सक सम्मिलित हुए. प्रधान सचिव ने कार्यशाला में भाग लेने वाले सभी चिकित्सकों को संबोधित करते हुए कहा कि 5 नये एकीकृत ‘डे-केयर केंद्र'(हीमोफीलिया, सिकल सेल एनीमिया एवं थैलेसीमिया से ग्रसित रोगियों के लिए) की स्थापना राज्य के 5 जिलों रांची, जमशेदपुर, देवघर, हजारीबाग एवं डालटनगंज में की जायेगी.
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प्रोसेसिंग चार्ज की भारपाई एनएचएम द्वारा की जायेगी


उन्होंने कहा कि सभी सरकारी अस्पताल एवं रक्त अधिकोष से निःशुल्क बिना प्रोसेसिंग चार्ज, बिना रिप्लेसमेंट लिए हुए रक्त मुहैया कराया जायेगा. प्रोसेसिंग चार्ज की भारपाई एनएचएम द्वारा की जायेगी. गुमला जिला में ‘पायलट बेसिस’ पर गर्भवती महिलाओं एवं स्कूली बच्चों का आनुवांशिक जांच (सिकल सेल, एनीमिया एवं थैलेसीमिया) बीटा चेक विधि द्वारा किया जायेगा. झारखंड के तीन जिलों यथा- रांची, जमशदेपुर एवं देवघर में हीमोग्लोबिनोपैथी से ग्रसित रोगियों का स्क्रीनिंग किया जा रहा है. इसे इस वर्ष राज्य के अन्य 5 जिलों चाईबासा, खूँटी, दुमका, लातेहार एवं सिमडेगा में भी विस्तारित किया जायेगा.




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पारामेडिकल कर्मी को एनआइएच मुंबई में दिलाया जायेगा प्रशिक्षण
हीमोफीलिया रोगियों के लिए निःशुल्क फैक्टर मुहैया कराया जाएगा. राज्य के चिकित्सकों एवं पारामेडिकल कर्मी को हीमोग्लोबिनोपैथी एवं हीमोफीलिया जांच एवं इलाज में एनआईएच, मुम्बई में प्रशिक्षण दिलवाया जायेगा. इसी तरह रक्त अधिकोष में पदस्थापित चिकित्सकों को एनआइपी, नोएडा, दिल्ली में प्रशिक्षण दिलवाया जायेगा. हीमोफीलिया से ग्रसित रोगियों के इलाज हेतु सभी जिला अस्पतालों में ‘आयरन चिलेटिंग’ दवा निःशुल्क उपलब्ध कराया जायेगा. इस कार्यशाला में देश भर से हीमोग्लोबिनोपैथी एवं हीमोफीलिया रोग के विशषज्ञों यथा- डा. के घोष, निदेशक, सूरत रक्तदान केन्द्र, लेफ्टिनेंट कर्नन डा. उदय, सैनिक अस्पताल, नई दिल्ली, डा. एम भट्टाचार्या, कोलकाता मेडिकल कालेज, कोलकाता एवं डा. जी सहाय, हीमोफीलिया इलाज केन्द्र, रांची, श्री विकास गोयल, एचएफआई, नई दिल्ली एवं श्रीमती विनीता श्रीवास्तव, नेशनल सीनियर कन्सलटेंट, भारत सरकार ने भाग लिया. सभी ने हीमोफीलिया रोगियों की पहचान करना, उनका जांच करना एवं इलाज से संबंधित सभी पहलुओं पर अपने-अपने विचार व्यक्त किए. भारत सरकारी के प्रतिनीधि श्रीमती विनीता श्रीवास्तव ने हीमोफीलिया के रोगियों के इलाज एकीकृत डे-केयर केन्द्र की स्थापना हीमोग्लोबिनोपैथी स्क्रीनिंग एवं हीमोफीलिया रोगियों के मुफ्त इलाज हेतु राशि एवं मार्गदर्शन उपलब्ध कराने की जानकारी दी.
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